Thursday, December 19, 2024
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सपा प्रमुख Akhilesh Yadav ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, कहा ‘भाजपा अपनी विचारधारा के संगी-साथियों..,’ जानें डिटेल

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Akhilesh Yadav: यूपी में एक बार फिर सियासत पूरी तरह से गरमा गई है। मालूम हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बीते दिनों 69000 शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द करने का आदेश दिया था। साथ ही कोर्ट ने 3 महीने में नए सिरे से रिजल्ट जारी करने का आदेश दे दिया है। इसके बाद से यूपी की सियासत में भूचाल गया है। वहीं योगी सरकार के लिए यह एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। इसी बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है। जिसमे उन्होंने बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है।

Akhilesh Yadav ने बीजेपी पर साधा निशाना

आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि “भाजपा अपनी विचारधारा के संगी-साथियों को पिछले दरवाज़े से यूपीएससी के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की जो साज़िश कर रही है, उसके ख़िलाफ़ एक देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का समय आ गया है। ये तरीक़ा आज के अधिकारियों के साथ, युवाओं के लिए भी वर्तमान और भविष्य में उच्च पदों पर जाने का रास्ता बंद कर देगा। आम लोग बाबू व चपरासी तक ही सीमित हो जाएंगे।

दरअसल से सारी चाल पीडीए से आरक्षण और उनके अधिकार छीनने की है। अब जब भाजपा ये जान गयी है कि संविधान को ख़त्म करने की भाजपाई चाल के ख़िलाफ़ देश भर का पीडीए जाग उठा है तो वो ऐसे पदों पर सीधी भर्ती करके आरक्षण को दूसरे बहाने से नकारना चाहती है”।

ये देश के विरूद्ध एक बड़ा षड्यंत्र

भाजपा सरकार इसे तत्काल वापस ले क्योंकि ये देशहित में भी नहीं है। भाजपा अपनी दलीय विचारधारा के अधिकारियों को सरकार में रखकर मनमाना काम करवाना चाहती है। सरकारी कृपा से अधिकारी बने ऐसे लोग कभी भी निष्पक्ष नहीं हो सकते। ऐसे लोगों की सत्यनिष्ठा पर भी हमेशा प्रश्नचिन्ह लगा रहेगा। देशभर के अधिकारियों और युवाओं से आग्रह है कि यदि भाजपा सरकार इसे वापस न ले तो आगामी 2 अक्टूबर से एक नया आंदोलन शुरू करने में हमारे साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर खड़े हों। सरकारी तंत्र पर कारपोरेट के क़ब्ज़े को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे क्योंकि कारपोरेट की अमीरोंवाली पूंजीवादी सोच ज़्यादा-से-ज़्यादा लाभ कमाने की होती है। ऐसी सोच दूसरे के शोषण पर निर्भर करती है, जबकि हमारी ‘समाजवादी सोच’ ग़रीब, किसान, मजदूर, नौकरीपेशा, अपना छोटा-मोटा काम-कारोबार-दुकान करनेवाली आम जनता के पोषण और कल्याण की है। ये देश के विरूद्ध एक बड़ा षड्यंत्र है।

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