Monday, November 18, 2024
Homeख़ास खबरेंAmit Shah: अमित शाह के 'संविधान बदलने' बयान पर आरजेडी सांसद मनोज...

Amit Shah: अमित शाह के ‘संविधान बदलने’ बयान पर आरजेडी सांसद मनोज झा का पलटवार, कहा ‘उनके हाथों में देश और संविधान,…’ जानें डिटेल

Date:

Related stories

‘BJP का नौकरी विरोधी चेहरा..,’ UPPSC Prayagraj Protest को लेकर ये क्या बोल गए Akhilesh Yadav? पढ़ें रिपोर्ट

UPPSC Prayagraj Protest: तप की भूमि कही जाने वाली प्रयागराज की धरा इन दिनों सुर्खियों में है। इसकी खास वजह है प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के बाहर चल रहा अभ्यर्थियों का प्रदर्शन।

क्या झारखंड पर पड़ेगा बिहार में बिछ रही सियासी बिसात का असर? Tejashwi Yadav और Giriraj Singh के बयानों से समझें समीकरण

Tejashwi Yadav: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सियासी बिसात बिछने की शुरुआत हो चुकी है। अब तक के समीकरण के लिहाज से देखें तो बिहार में दो से तीन राजनीतिक गुट विधानसभा चुनाव में आमने-सामने हो सकते हैं।

Nawab Malik vs Abu Asim Azmi की लड़ाई में Suresh Patil को फायदा! क्या खास रणनीति के तहत शिवाजी नगर में चुनाव लड़ रही...

Nawab Malik: नवाब मलिक महाराष्ट्र (Maharashtra Elections 2024) की सियासत का जाना-माना नाम है। दशकों के रानीतिक अनुभव के सहारे संगठन और शासन की सियासत का हिस्सा रहे नवाब मलिक की साख दाव पर लगी है।

Amit Shah: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी पार्टियां चुनावी मैदान में कूद पड़ी है। पार्टियां एक दूसरे के ऊपर जमकर सियायी बयानबाजी कर रही है। इसी बीच गृह मंत्री अमित शाह के बयान से सियासी पारा बढ़ गया है। आरजेडी नेता और सांसद मनोज झा ने अमित शाह के सत्ता का दुरूपयोग वाले बयान पर पलटवार किया है। मालूम हो कि पांचवे चरण का मतदान 20 मई 2024 को होना है।

मनोज झा ने क्या कहा?

केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah के हमारे पास पिछले 10 वर्षों से संविधान बदलने के लिए बहुमत था, हमने ऐसा कभी नहीं किया वाले बयान पर आरजेडी नेता और सांसद मनोज झा ने कहा कि उनके पास संविधान को बदलने के कई तरीके हैं। गोलवलकर ने ‘बंच ऑफ थॉट्स’ लिखी थी, क्या उनमें से किसी ने कहा कि हम उस किताब को अस्वीकार करते हैं और हमारा उससे कोई लेना-देना नहीं है? इस पुस्तक (संविधान) में, अनुच्छेद 15 और 16 सार्वजनिक रोजगार में आरक्षण के बारे में बात करते हैं। अमित शाह ने जनता को कितना रोजगार दिया? 2014 में, आप प्रति वर्ष 2 करोड़ रोजगार लेकर आए थे, अब तक यह 20 करोड़ है, लेकिन आपके पास कोई ब्लूप्रिंट नहीं है। नौकरियाँ ख़त्म करने से आरक्षण ही ख़त्म हो जाता है। अमित शाह के रवैये के अनुसार, उनके हाथों में न तो देश सुरक्षित है और न ही संविधान।

संविधान सुरक्षित नहीं है

अमित शाह द्वारा केजरीवाल पर दिए गए बयान पर मनोज झा ने कहा कि “दो दिन पहले उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली के सीएम को अंतरिम जमानत देना कोई सामान्य बात नहीं है, लेकिन इससे कई लोग नाराज हो गए हैं। क्या यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना ​​नहीं है? हम यही कहते हैं, जब आप सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर टिप्पणी करना शुरू करते हैं, तो यह संविधान सुरक्षित नहीं है”।

Latest stories