Mahua Moitra:पूर्व टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को एक और झटका लगा है. उन्हें 30 दिनों के अंदर बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया है. गत 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था. वहीं अब नोटिस जारी करते हुए उन्हें बंगला खाली करने के लिए कहा गया है.
क्या है मामला
पूर्व टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को आचार समिति रिपोर्ट के बाद 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था. आचार समिति की रिपोर्ट में, संसद में प्रश्न पूछने के लिए एक व्यवसायी से उपहार और रिश्वत लेने का आरोप है. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने यह आरोप लगाया था. हालांकि महुआ मोइत्रा ने कहा कि उनके ऊपर सारे ओरोप झूठे हैं. मोइत्रा ने आगे कहा कि उन्हें बोलने का मौका नही दिया गया. मोइत्रा पर आरोप है कि उन्होंने हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया.
फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
आचार समिति रिपोर्ट के बाद 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था. हालांकि मोइत्रा ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. खबरों के अनुसार टीएमसी नेता महुआ की याचिका पर बहुत जल्द सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर सकता है. मोइत्रा में यह भी आरोप लगाया की लोकसभा स्पीकर ने उन्हें बोलने का मौका नही दिया.
आचार समिति ने क्या कहा
आचार समिति के प्रस्ताव में कहा गया कि अपने हित को आगे बढ़ाने के लिए एक व्यवसायी से उपहार, अवैध संतुष्टि स्वीकार करना एक संसद सदस्य के रूप में तृणमूल सांसद के आचरण को और भी अशोभनीय पाया गया है, जो उनके लिए एक गंभीर दुष्कर्म और अत्यधिक निंदनीय आचरण है. वहीं अब महुआ मोइत्रा को एक और झटका लगा है, उन्हें 30 दिनों के अंदर बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया गया है.
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