Arvind Kejriwal: सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने 1 जून 2024 तक केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी है। हालांकि यह आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। कथित शराब घोटाला मामले में ईडी ने अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आप के कई नेताओं ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। वहीं बीजेपी के दिल्ली अध्यक्ष ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
वीरेंद्र सचदेवा ने क्या कहा?
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि “उन्हें चुनाव प्रचार के लिए 1 जून तक तो जमानत मिल गई है। लेकिन उसके बाद क्या। अंतरिम जमानत मिलने का मतलब यह नहीं कि आप निर्दोष साबित हो गए। इसका चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा, दिल्ली की सभी 7 सीटों पर बीजेपी जीतेगी”।
पूरे देश में खुशी की लहर
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि “पूरे देश में खुशी की लहर है। SC के फैसले से उम्मीद की किरण दिखी है। पूरा देश SC का आभारी है। अरविंद केजरीवाल की रिहाई के बाद तानाशाही के खिलाफ और लोकतंत्र और संविधान को बचाने की लड़ाई मजबूत होगी”।
शिक्षा मंत्री आतिशी ने जताई खुशी
अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने पर दिल्ली शिक्षा मंत्री अतिशी ने कहा कि “यह सत्य की जीत है। मैं संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए आगे आने के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देती हूं। अरविंद केजरीवाल आज शाम तिहाड़ जेल से बाहर आएंगे और मुझे यकीन है कि वह दिल्ली और देश के लोगों को संबोधित करेंगे”।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते है
सीपीआई (एम) नेता बृंदा करात ने कहा कि, “हम सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला ईडी और केंद्र सरकार के चेहरे पर करारा तमाचा है। केंद्र सरकार ने ईडी को विपक्षी दल के खिलाफ एक राजनीतिक एजेंसी के रूप में इस्तेमाल किया है। जब आप एक निर्वाचित मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करते हैं तो यह किस प्रकार का समान अवसर है”?
आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता ने क्या कहा?
आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि, “लोकतंत्र को कायम रखने के लिए हम सुप्रीम कोर्ट के बेहद आभारी हैं। बहुत ही असाधारण परिस्थितियों में अंतरिम जमानत दी गई है। लोकतंत्र को बचाने का यह आखिरी मौका है”।