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‘वक्फ संपत्तियों को छीनना..,’ Lok Sabha में ये क्या बोल गए Asaduddin Owaisi? PM Modi को क्यों दिया Article 26 पढ़ने का सुझाव?

Asaduddin Owaisi: AIMIM चीफ ओवैसी ने आज लोकसभा (Lok Sabha) में संविधान पर चर्चा के दौरान कहा कि "इनका लक्ष्य वक्फ संपत्तियों को छीनना है।" लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान ओवैसी ने पीएम मोदी (PM Modi) का जिक्र करते हुए उन्हें अनुच्छेद 26 (Article 26) पढ़ने की सलाह भी दी है।

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Asaduddin Owaisi
असदुद्दीन ओवैसी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (सांकेतिक तस्वीर)

Asaduddin Owaisi: “इनका लक्ष्य वक्फ संपत्तियों को छीनना है।” इस पंक्ति में ‘इनका’ शब्द का इस्तेमाल वर्तमान केन्द्र सरकार के लिए गया है और ऐसा करने वाले हैं सांसद असदुद्दीन ओवैसी। दरअसल, असदुद्दीन ओवैसी आज लोकसभा (Lok Sabha) में ‘संविधान पर चर्चा’ के दौरान अपना पक्ष रहे थे। इस दौरान उन्होंने वक्फ विधेयक (Waqf Bill) और वक्फ के अधीन आने वाली संपत्तियों का खूब जिक्र किया। AIMIM चीफ ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि इनका लक्ष्य वक्फ संपत्तियों को छीनना है। सांसद ओवैसी ने इस दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के एक बयान का जिक्र कर उन्हें संविधान का अनुच्छेद 26 (Article 26) पढ़ने का सुझाव दे दिया।

Lok Sabha में ‘वक्फ विधेयक’ को लेकर क्या बोले Asaduddin Owaisi?

AIMIM चीफ व हैदराबाद लोकसभा सीट से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आज लोकसभा में अपना पक्ष रखा। संविधान पर चर्चा के दौरान सांसद ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि “अनुच्छेद 26 पढ़ें, यह धार्मिक संप्रदाय, धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संस्था स्थापित करने और बनाए रखने का अधिकार देता है। इनका लक्ष्य वक्फ संपत्तियों को छीनना है। ये अपनी ताकत के दम पर वक्फ संपत्तियों को छीनना चाहते हैं।” असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिक्र कर कहा कि “पीएम कहते हैं कि वक्फ का संविधान से कुछ भी लेना-देना नहीं है। मैं पूछता हूं प्रधानमंत्री को कौन पढ़ा रहा है? उन्हें अनुच्छेद 26 पढ़ाना चाहिए।”

AIMIM चीफ ने सदन में किया अनुच्छेद 29 का जिक्र!

पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Modi) और अनुच्छेद 26 का जिक्र करने के ठीक बाद असदुद्दीन ओवैसी ने सदन में अनुच्छेद 29 का जिक्र किया। AIMIM चीफ ने कहा कि “लैंगवेज उर्दू को खत्म कर दिया गया। वो उर्दू जिसकी हमारे मुजाइदी आजादी ने नारा दिया था इंंकलाब जिंदाबाद, उस जवान को आप खत्म कर रहे हैं। कल्चर, आप कल्चर की बात इनसे पूछ लीजिए, ये बोलेंगे नहीं। हमारा जो कल्चरल नेशनलिज्म है, वो कल्चरल नेशनलिज्म नही है बीजेपी का। वो कल्चरल नेशनलिज्म आलाज़ाद का, हिंदुत्व का नेशनलिज्म है जो भारत के नेशनलिज्म से बिल्कुल मुख़्तलिफ़ है।” बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) जारी है और संविधान लागू होने के 75वें वर्ष में संविधान पर चर्चा हो रही है। इसी कड़ी में देश के विभिन्न हिस्सों से चुनकर आए सांसद अपना पक्ष रख रहे हैं।

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