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‘बटेंगे तो कटेंगे’ से लेकर ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ और ‘एक हैं, तो सेफ हैं’ तक, यहां जानें Assembly Election 2024 के टॉप नारे

Assembly Election 2024: महाराष्ट्र से लेकर झारखंड विधानसभा चुनाव तक और यूपी, पंजाब, राजस्थान और उत्तराखंड जैसे राज्यों में उपचुनाव में तमाम तरह के नारों की गूंज सुनी जा रही है। इसमें 'बटेंगे तो कटेंगे,' 'एक हैं, तो सेफ हैं' और 'जुड़ेगे तो जीतेंगे' जैसे नारे की गूंज है।

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Assembly Election 2024
फाइल फोटो- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा मुखिया अखिलेश यादव

Assembly Election 2024: महाराष्ट्र, झारखंड विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2024) के साथ कई राज्यों में होने वाले विधानसभा उपचुनाव (Bypolls Elections) को लेकर सियासी बिसात बिछ चुकी है। इस चुनावी समर में विभिन्न राजनीतिक दलों और राजनेताओं द्वारा दिया गया नारा खूब सुर्खियां बटोर रहा है। इसमें सबसे प्रमुख है यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) द्वारा दिया गया ‘बटेंगे तो कटेंगे‘ नारा।

सीएम योगी के इस एक कथन ने मानो विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) प्रचार के बीच हलचल पैदा कर दी है। कई विपक्षी दल योगी आदित्यनाथ के नारे की काट खोजते हुए अपना पक्ष रखते नजर आ रहे हैं। इसी के परिणाम स्वरूप ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ और ‘जब भाजपा जाएगी, तब नौकरी आएगी’ जैसे नारों की गूंज सुनी जा रही है। ऐसे में आइए हम आपको आज विधानसभा चुनाव 2024 में अब तक इस्तेमाल किए गए टॉप नारों के बारे में विस्तार से बताते हैं।

Assembly Election 2024 के टॉप चर्चित नारे

झारखंड से लेकर महाराष्ट्र तक में चुनावी (Assembly Election 2024) प्रचार-प्रसार के बीच कई चर्चित नारों की गूंज लोगों के कानों तक पहुंची है। हालांकि, इसमें सीएम योगी द्वारा दिए ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे का जिक्र खास है। मानों इस एक नारे के इर्द-गिर्द महाराष्ट्र का सियासी समीकरण घूम रहा है। बीते दिनों शिवसेना (UBT) नेता उद्धव ठाकरे और संजय राउत भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। वहीं एनसीपी (SP) चीफ शरद पवार और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट व नाना पटोले की तीखी प्रतिक्रिया भी सुनने को मिल चुकी है। इस सियासी कथन से महाराष्ट्र में जमकर सुर्खियां बटोरी हैं।

‘बटेंगे तो कटेंगे’ के बाद ‘एक हैं, तो सेफ हैं’ नारे की चर्चा भी हुई। इसकी अहमियत इसलिए भी है क्योंकि इस नारे का जिक्र देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने किया था। पीएम मोदी ने 20 नवंबर को BJP के पक्ष में प्रचार करते हुए ‘एक हैं, तो सेफ हैं’ का नारा दिया था। उनके नारे का संदर्भ अनुसूचित जातियों, जनजातियों और ओबीसी वर्ग को एकत्रित करने का था। पीएम मोदी द्वारा दिए गए इस नारे को लेकर भी खूब सुर्खियां बनीं।

महाराष्ट्र से इतर झारखंड में भी सियासी नारे को लेकर जंग तेज है। यहां भी ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे के तर्ज पर हिमंता बिस्वा सरमा, शिवराज सिंह चौहान, बाबू लाल मरांडी और चंपई सोरेन समेत कई नेताओं द्वारा अपने-अपने हिस्से का नारा पेश किया जा रहा है। इसी बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने जवाबी अंदाज में ‘एक ही नारा, हेमंत दुबारा’ नाम से अधिकार पत्र जारी कर दिया। जेएमएम के इस नारे को भी विधानसभा चुनाव 2024 में प्रमुखता से देखा जा रहा है।

यूपी विधानसभा उपचुनाव 2024 की दिलचस्प जंग

सियासी दृष्टिकोण से देश के अहम राज्यों में से एक यूपी के 9 रिक्त विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव हो रहा है। झारखंड और महाराष्ट्र से इतर यूपी उपचुनाव की चर्चा भी जोरों पर है। राजनीतिक बयानबाजी और नारे गढ़ने की कला भी यूपी विधानसभा उपचुनाव को खास बनाती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ के बदले अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (SP) भी ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ का नारा लेकर आई। राजधानी लखनऊ से लेकर यूपी के विभिन्न हिस्सों में सपा मुखिया की तस्वीर के साथ ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ का बैनल लगा नजर आया है।

सपा की ओर से कुछ और खास नारों की रचना की गई है। इसमें ‘जब भाजपा जाएगी, तब नौकरी आएगी’ और ‘टालेंगे तो और भी बुरा हारेंगे’ जैसे नारों का जिक्र सामने आता है। सियासी टिप्पणीकारों की मानें तो विधानसभा चुनाव (उपचुनाव) 2024 में राजनेताओं ने कम शब्दों में जनता तक व्यापक रूप से अपना संदेश पहुंचाने के लिए इस खास तकनीक का उपयोग किया है। हालांकि, कौन अपने प्रयासों में कितना कारगर साबित होगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा?

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