CM Shivraj: एमपी चुनाव 2023 से पहले सीएम शिवराज ने राज्य के पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खुशखबरी दे दी। उन्होंने बताया कि अब राज्य के किसी भी ऐसे कर्मचारी के खिलाफ कोई विभागीय, न्यायिक जांच चल रही है और उसका रिटायरमेंट के समय नजदीक है। राज्य सरकार उसकी पेंशन की पात्रता बहाल रखेगी। बता दें शिवराज सरकार ने 19 मई 2023 को जारी आदेश में मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 में संशोधन कर दिया है।
सस्पेंशन के पहले की मिलेगी पेंशन
एमपी सरकार के नए फैसले के बाद अब अगर कोई राजकीय कर्मचारी शासकीय सेवा के दौरान रिटायरमेंट की तारीख तक भी सस्पेंड रहता है, तो अब उसे सस्पेंशन के पहले की तारीख तक अर्हकारी सेवा अवधि, अनंतिम पेंशन की गणना के लिए ली जाएगीं।
जानें क्या हुआ संशोधन
बता दें मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने विगत 19 मई 2023 को जारी आदेश में मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 में संशोधन किया है कि ये संशोधन नियम 64 के स्थान पर स्थापित किए गए हैं।जो 12 दिसंबर 1990 से लागू समझे जाएंगे।
अनंतिम पेंशन की भुगतान अवधि (Provisional Pension)
वहीं रिटायरमेंट की तारीख से शुरू होकर विभागीय या न्यायिक कार्रवाई से समाप्त होने के पश्चात अफसर द्वारा अंतिम आदेश पारित होने की तारीख तक की अवधि के लिए कार्यालय प्रमुख द्वारा रिटायर्ड शासकीय कर्मचारी को अनंतिम पेंशन का भुगतान किया जाएगा।
Gratuity अमाउंट (उपदान राशि)
इस दौरान विभागीय या न्यायिक कार्यवाहियां समाप्त होने पर अंतिम आदेश जारी होने तक किसी भी ग्रेच्युटी अमाउंट का भुगतान नहीं किया जा सकेगा।
कमलनाथ ने खेला चुनावी दांव
पुरानी पेंशन को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम कमलनाथ ने आगामी चुनावों को देखते पुरानी पेंशन बहाली का दांव चला है। उन्होंने कहा कि एमपी बीजेपी सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बंद करके सरकारी कर्मचारियों से रिटायरमेंट के बाद का जीवम यापन करने का अधिकार छीन लिया था। अब यदि हमारी सरकार एमपी में बनी तो हम पुरानी पेंशन लागू करेंगे और कर्मचारियों को सम्मान का जीवन देंगे।
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