Rahul Gandhi: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष का तीन दिवसीय अमेरिका दौरा खूब सुर्खियों में रहा है। राहुल गांधी ने अपने अमेरिका यात्रा के दौरान सिख समुदाय पर, देश में आरक्षण और बेरोजगारी पर और चुनाव आयोग की भूमिका पर कुछ ऐसे बयान दे दिए जिनको लेकर भारत के विभिन्न हिस्सों में सियासी बवाल मचा हुआ है। ऐसे में आइए हम आपको कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के अमेरिका (America) यात्रा और इस दौरान दिए गए उन 5 प्रमुख बयानों के बारे में बताते हैं जिनको लेकर देश का सियासी पारा चढ़ता नजर आ रहा है।
सिख समुदाय पर दिया बयान
Rahul Gandhi ने अमेरिका के वर्जीनिया में लोगों से बात करते हुए सिख समुदाय को लेकर बड़ी बात कह दी। उन्होंने सिख समुदाय के एक व्यक्ति से पूछा कि “मेरे पगड़ीधारी भाई आपका क्या नाम है?” इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि “सबसे पहले लोगों को यह समझना होगा कि लड़ाई किस बारे में चल रही है? यह लड़ाई राजनीति के बारे में नहीं बल्कि इस बारे में है कि आपका नाम क्या है? क्या एक सिख के तौर पर लोगों को भारत में पगड़ीऔर कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी और वो गुरुद्वारा जा सकेगा? हमारी लड़ाई इस बारे में है और हम सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए लड़ रहे हैं।”
राहुल गांधी द्वारा दिए गए इस बयान को खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अपना समर्थन दे दिया और कहा कि कांग्रेस नेता का ये बयान सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के अलग खालिस्तान देश की मांग को जस्टिफाई करता है। इसके बाद भारत के अलग-अलग हिस्सों में सिख समुदाय से जुड़े लोगों ने राहुल गांधी का जमकर विरोध किया और इसको लेकर खूब सुर्खियां बनीं।
आरक्षण पर बोल बुरा फंसे Rahul Gandhi?
राहुल गांधी ने वाशिंगटन डीसी में जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के छात्रों से संवाद के दौरान एक छात्र के सवाल ‘कि क्या जाति आधारित आरक्षण के अलावा जमीनी स्तर पर संस्थानों को मजबूत करने के और भी बेहतर तरीके हैं?’ का जवाब देते हुए अहम बात कह दी। उन्होंने कहा कि ”कांग्रेस तभी आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेगी, जब देश में सभी को समान अवसर मिलने लगेंगे और अभी भारत में ऐसी स्थिति नहीं है।” राहुल गांधी द्वारा आरक्षण को लेकर दिए गए इस बयान को BJP, BSP समेत अन्य दलों ने लपक लिया और इसे आरक्षण विरोधी करार देकर उनका जमकर विरोध किया।
‘चीन उत्पादन में सबसे आगे’
राहुल गांधी ने अमेरिका यात्रा के दौरान टेक्सास यूनिवर्सिटी के छात्रों से संवाद करते हुए कहा कि हमारे देश में कौशल की कमी नहीं है। लेकिन यहां कौशल रखने वालों का सम्मान नहीं होता। राहुल गांधी ने कहा कि “आज वैश्विक उत्पादन में चीन का प्रभुत्व है और इसलिए वहां बेरोजगारी नहीं है जबकि भारत व पश्चिमी देश बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं।” BJP ने राहुल गांधी के इस बयान को देशविरोधी करार देते हुए उन्हें खूब घेरा और सियासी गलियारों में इसको लेकर खूब बहस देखने को मिली।
लोकतंत्र पर उठाए गंभीर सवाल
राहुल गांधी ने वॉशिंगटन डीसी में नेशनल प्रेस क्लब में भारतीय लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की आजादी की स्थिति पर सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि “मुझे लगता है 2014 में भारत की राजनीति बहुत नाटकीय रूप से बदल गई और हमने एक ऐसे दौर में प्रवेश किया जिसे हमने पहले कभी नहीं देखा। ये आक्रामक और हमारे लोकतांत्रिक ढांचे की नींव पर हमला करने वाला है। इस दौर में मीडिया को दबाया गया, संस्थानों पर नियंत्रण कर लिया गया, केन्द्रीय एजेंसियां विपक्ष पर हमला कर रही थीं और राज्यों की सरकारें गिराई जा रही थीं।” राहुल गांधी द्वारा घरेलू राजनीतिक मामलों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उछालने के बाद इसको लेकर खूब सियासी बवाल मचा।
चुनाव आयोग पर उठाए सवाल
राहुल गांधी ने अपने अमेरिका यात्रा के दौरान भारतीय चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा किइस लोकसभा चुनाव में सभी को समान अवसर उपलब्ध नहीं कराए गए। राहुल ने स्पष्ट किया कि “मैं इसे स्वतंत्र चुनाव के बजाय काफी हद तक नियंत्रित चुनाव मानता हूं। मुझे नहीं लगता कि अगर निष्पक्ष चुनाव होता तो भाजपा 240 सीटों के आसपास भी कहीं आती। बीजेपी के पास मजबूत आर्थिक ताकत थी और चुनाव आयोग वही कर रहा था जो वे चाहते थे।” राहुल गांधी के इस बयान को लेकर भी खूब सियासी बवाल मचा है।