Abhishek Banerjee: चुनावी दौर विधानसभा या लोकसभा (Lok Sabha) का समापन जब भी होता है, तब ईवीएम (EVM) का जिक्र होना सामान्य है। ईवीएम का जिक्र विशेष तौर पर देश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस करती है और बीजेपी (BJP) पर गंभीर आरोप लगाती है। हालांकि, ईवीएम मुद्दे पर कांग्रेस अब थोड़ी कमजोर नजर आ रही है। इसकी खास वजह है कांग्रेस (Congress) के दो सहयोगी दलों के नेताओं का इस मुद्दे से किनारा काटना। दरअसल, जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला (CM Omar Abdullah) के बाद अब तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने ईवीएम मुद्दे पर कांग्रेस को आईना दिखाया है। इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) के इन दो प्रमुक नेताओं का ईवीएम पर अलग रुख कई संभावनाओं की ओर संकेत दे रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या इसका असर गठबंधन पर पड़ेगा। आइए हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
EVM मुद्दे पर क्या बोल गए TMC MP Abhishek Banerjee?
पश्चिम बंगाल की डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से 7 लाख के ज्यादा अंतर से चुनाव जीतकर सदन पहुंचे TMC सांसद अभिषेक बनर्जी ने बड़ी बात कह दी है। EVM मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने कहा कि “जो लोग ईवीएम पर सवाल उठाते हैं, अगर उनके पास कुछ है तो उन्हें जाकर चुनाव आयोग को डेमो दिखाना चाहिए। अगर ईवीएम रैंडमाइजेशन के समय काम ठीक से किया गया है और मॉक पोल और काउंटिंग के दौरान बूथ पर काम करने वाले लोग जांच करते हैं। तो मुझे नहीं लगता कि आरोप में कोई दम है। अगर फिर भी किसी को लगता है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है , तो उन्हें चुनाव आयोग से मिलना चाहिए। आप जाएं और आयोग को बताएं व दिखाएं कि ईवीएम को कैसे हैक किया जा सकता है। सिर्फ अनाप-शनाप बयान देकर कुछ नहीं किया जा सकता।”
CM Omar Abdullah ने भी Congress को दी थी नसीहत!
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के नेता व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी बीते दिनों ईवीएम मुद्दे पर कांग्रेस (Congress) को नसीहत दे दी थी। सीएम उमर अब्दुल्ला (CM Omar Abdullah) ने ‘पीटीआई’ से बातचीत के दौरान कहा था कि “‘जब उसी ईवीएम से आपके 100 से अधिक सांसद चुनकर आते हैं तो आप जश्न मनाते हैं। ऐसे में आप कुछ ही महीनों बाद पलट कर यह नहीं कह सकते कि हमें ईवीएम से वोटिंग पसंद नहीं है, क्योंकि अब चुनाव परिणाम वैसे नहीं आ रहे जैसा हम चाहते हैं।” बता दें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 99 सीटें मिली थीं। पार्टी ने तब जीत का जश्न भी मनाया था। वहीं महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद कांग्रेस लगातार ईवीएम के खिलाफ बोलती नजर आ रही है।
EVM मुद्दे पर तकरार के बाद क्या गठबंधन पर पड़ेगा असर?
विपक्षी दलों के गठबंधन (INDIA Alliance) में तालमेल की कमी नजर आ रही है। संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) के दौरान कांग्रेस ने अडानी मुद्दे पर बीजेपी को घेरने की कोशिश की। हालांकि, इस मुद्दे पर सपा, राजद, टीएमसी समेत अन्य कुछ दलों ने कांग्रेस का साथ नहीं दिया। विपक्षी दलों ने बताया कि सभी पार्टियों की अपनी-अपनी रणनीति होती है जिसके आधार पर वो सदन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराती हैं। ऐसे में अडानी मुद्दे पर अकेली पड़ी कांग्रेस अब EVM मुद्दे पर भी कमजोर पड़ती नजर आ रही है।
उमर अब्दुल्ला के बाद टीएमसी के अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने भी इस मसले पर पार्टी को आईना दिखाया है। हालांकि, निकट भविष्य में सीएम उमर अब्दुल्ला (CM Omar Abdullah) और अभिषेक बनर्जी ने बयान का असर गठबंधन पर क्या होगा, इसका अंदाजा लगाना अभी थोड़ी जल्दबाजी होगी। फिलहाल विपक्ष में नेतृत्व को लेकर जंग छिड़ी है। विपक्ष के कुछ दल मजबूती से इंडिया गठबंधन का नेतृत्व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को देने की बात कर रहे हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस इन चुनौतियों से कैसे निपटती है।