Dimple Yadav: सपा सांसद और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की धर्मपत्नी डिंपल यादव का एक बयान जमकर सुर्खिया बतौर रहा है। दरअसल संसद का शीतकालीन सत्र चालू है। वहीं पक्ष- विपक्ष में जमकर जुबानी जंग शुरू हो गया है। एक तरफ जहां विपक्ष सरकार पर आरोप लगा रही है कि वह संसद नहीं चलने दे रही है, वहीं दूसरी तरफ सरकार विपक्ष पर यह आरोप लगा रही है। इसी बीच Dimple Yadav के एक बयान से कयासों के बाजार गरम हो गया है कि क्या कांग्रेस और एसपी के बीच सबकुछ ठीक है। चलिए आपको समझाते है कि क्या है पूरा मामला।
Dimple Yadav के बयान से गरमाई सियासत
संसद सत्र के दौरान सपा सांसद Dimple Yadav बाहर निकल रही थी। रिपोर्टर द्वारा सवाल पूछने पर कि “Soros और Adani मुद्दे पर विवाद खड़ा हो गया है”। इस पर डिंपल यादव कहती हुई नजर आ रही है कि “ना हम Soros के मुद्दे के साथ है और न ही हम अडानी के मुद्दे के साथ है। मैं समझती हूं कि सदन को चलना चाहिए। हमे उम्मीद है कि दोनों पक्ष के लोग सदन चलाने में पूरा साथ देंगे”।
वहीं अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कांग्रेस और सपा के बीच दरार आ गई है। क्योंकि कांग्रेस अडानी का मुद्दा लगातार उठा रही है। लेकिन सपा ने इस मुद्दे को अपने आप से बिल्कुल अलग कर लिया है। मालूम हो कि राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता Adani मामले में सरकार को घेरते हुए नजर आ रहे है। कांग्रेस का आरोप है कि संसद में अडानी मामले पर बीजेपी चर्चा नहीं करना चाहती। जिसकी वजह से कांग्रेस विरोध प्रदर्शन कर रही है।
क्या Congress-SP के बीच आई दरार?
गौरतलब है कि Dimple Yadav के बयान के बाद कयासो का बाजार गरम हो गया है। मालूम हो कि अभी हाल ही मे यूपी चुनाव में सपा ने कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी थी। वहीं अब सपा ने अडानी मुद्दे को अपने आप से अलग कर लिया है। जिसके बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस और एसपी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
संसद में विपक्ष और सरकार के बीच हुआ जमकर हंगामा
आपको बताते चले कि संसद में विपक्षी दलों ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। इसके अलावा विपक्ष लगातार अडानी मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रही है। गौरतलब है संसद की शीतकालीन सत्र की शुरूआत 25 नवंबर से शुरू हो गया है और 20 दिसंबर तक चलेगा। हालांकि अभी तक किसी भी विशेष मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकी है। वहीं अब देखना होगा कि क्या आने वाले दिनों में सत्र सुचारू रूप से चलता है या फिर स्थगित हो जाता है।