EVM-VVPAT Verification: देश में आज लोकसभा चुनावों के लिए दूसरे चरण की वोटिंग चल रही है। इस बीच देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने VVPAT को लेकर दी गई सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही VVPAT के वोरिफिकेशन याचिका को भी खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट साफ कह दिया है कि, अब चुनाव सिर्फ EVM से ही होंगे। कोर्ट का ये फैसला विपक्ष के लिए बड़ा झटका है। क्योंकि विपक्ष EVM को लेकर कई बार सवाल खड़े कर चुका है।
कोर्ट में किसने दी थी याचिका दायर?
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने ये महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। एसोसिएशन फार डेमेक्रेटिक रिफार्मस सहित अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें मांग की गई थी कि, वीवीपैट पर्चियों का EVM से मिलान होना चाहिए। जिसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाया है।
VVPAT क्या होता है और कैसे काम करता है?
VVPAT की फुल फॉर्म Voter Verifiable Paper Audit Trail है। ये EVM से बिल्कुल अलग होती है। VVPAT से जब मतदाता वोट डालता है तो उसे एक स्लिप मिलती है। जिसमें उसके द्वारा जिस भी उम्मीदवार को वोट डाला गया है। उसके बारे में लिखा होता है। जिसके बाद वोटर को ये क्लियर हो जाता है कि, उसका वोट जिसे भी गया है वो सही गया है।
आपको बता दें, EVM को लेकर अकसर ये सवाल उठते हैं कि, वोट किसी उम्मीदवार को दिया है और गया किसी और को है। इन सवालों और विवादों को देखते हुए ही VVPAT को लाया गया है। वीवीपैट मशीन का सबसे पहले इस्तेमाल साल 2013 में नागालैंड विधानसभा चुनावों के दौरान हुआ था।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।