India Vs Bharat: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने इंडिया को भारत लिखे जाने वाले चल रहे हंगामे के बीच विपक्ष को संविधान पढ़ने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि संविधान में ‘इंडिया, दैट इज भारत’ का उल्लेख है। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, उन्हें पहले संविधान पढ़ाना चाहिए।
समाचार एजेंसी ANI के साथ एक साक्षात्कार में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि इंडिया और भारत एक ही तो है, इसका जिक्र संविधान में भी है। मैं हर किसी को इसे (संविधान) पढ़ने के लिए कहूंगा। जयशंकर ने आगे कहा कि जब आप भारत कहते हैं तो एक अर्थ, एक समझ और एक अनुमान आता है और मुझे लगता है कि यही हमारे संविधान में भी परिलक्षित है।
‘…क्यों दिल्ली में ही होती थी बड़ी बैठकें’
इस दौरान जयशंकर ने जी20 शिखर सम्मेलन के लिए सरकार के इंतजामों पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में यह मानने की प्रवृत्ति थी कि प्रमुख बैठकें केवल दिल्ली में ही आयोजित की जानी चाहिए। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जो कोई भी पहले मानता था कि अकेले लुटियंस दिल्ली में बैठकें करने में उन्हें सहजता महसूस होती है, वह अपनी राय रखने के लिए स्वतंत्र है। लेकिन मौजूदा प्रशासन के तहत चीजें अलग हैं। यह एक अलग युग है। इस नए भारत में हर क्षेत्र को सामान महत्व दिया जाता है।
कैसे शुरू हुई इंडिया-भारत की बहस ?
दरअसल, बीते दिनों राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने G20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit 2023) के लिए दिल्ली आए मेहमानों को भोज यानी डिनर पार्टी का इनविटेशन दिया था। इस इनविटेशन कार्ड में ही पहली बार ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ लिखा गया था। जिसके बाद इस विषय पर बहस शुरू हो गई और देश में राजनीतिक माहौल गरमा गया। विपक्ष ने सरकार पर देश का नाम बदलने का आरोप लगाया है। विपक्ष का कहना है की उन्होंने अपने गठबंधन का नाम ‘INDIA’ रखा है, जिस वजह से सरकार ने ऐसा किया है। जबकि, सरकार का साफ किया है की देश का नाम नहीं बदला जा रहा है। संविधान में ‘INDIA और BHARAT’ दोनों का जिक्र है।
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