Home ख़ास खबरें Salman Khurshid के ‘बांग्लादेश जैसी घटना यहां…’ बयान पर उपराष्ट्रपति Jagdeep Dhankhar...

Salman Khurshid के ‘बांग्लादेश जैसी घटना यहां…’ बयान पर उपराष्ट्रपति Jagdeep Dhankhar का पलटवार, कहा ‘हमेशा राष्ट्रीय हित’.., जानें डिटेल

Jagdeep Dhankhar: बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच सलमान खुर्शीद के बयान पर अब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने प्रतिक्रिया दी है।

0
Jagdeep Dhankhar
Jagdeep Dhankhar

Jagdeep Dhankhar: बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच भारत में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। मालूम हो कि कांग्रेस सलमान खुर्शीद वाले बयान से सियासत पूरी तरह से गरमाई हुई है। इसी बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बिना नाम लिए सलमान खुर्शीद वाल बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। दरअसल बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा था कि बांग्लादेश जैसे हालात भारत में भी हो सकते है जिसके बाद बीजेपी नेताओं ने इसका कड़ा विरोध किया था। वहीं अब उपराष्ट्रपति ने इस खुर्शीद के बयान पर प्रतिक्रिया दी है।

जगदीप धनखड़ ने क्या कहा?


बता दें कि धनखड़ राजस्थान उच्च न्यायालय के प्लैटिनम जुबली समारोह में कानूनी बिरादरी को संबोधित करने के दौरान कहा कि “इस देश का एक नागरिक, जो संसद सदस्य रहा हो और जिसने विदेश सेवा भी खूब देखी हो, उसे यह कहने में देर कैसे नहीं लगती कि पड़ोस में जो हुआ, वह भारत में भी होगा। उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोगों द्वारा यह अफवाह फैलाने का प्रयास कि जो हमारे पड़ोस में हुआ वह हमारे भारत में भी होगा, बेहद चिंताजनक है”।

सलमान खुर्शीद ने दिया था विवादित बयान

सलमान खुर्शीद ने पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान कहा कि जो बांग्लादेश में हो रहा है, वह भारत में भी हो सकता है। आज कश्मीर में सब कुछ सामान्य दिख सकता है, लेकिन सच्चाई सतह के कहीं नीचे है। हमारे देश में इसका प्रसार चीजों को तरीके से फैलने से रोकता है, जिस तरह से बांग्लादेश में फैलाया गया है।”

उपराष्ट्रपति ने इमरजेंसी को लेकर दी प्रतिक्रिया

संबोधन के दौरान धनखड़ ने जून 1975 में तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की अवधि पर भी विचार किया और इसे आजादी के बाद से “सबसे क्रूर काल बताया। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि इस दौरान, न्यायपालिका का उच्चतम स्तर भी, जो आमतौर पर “बुनियादी अधिकारों का दुर्जेय गढ़ था, “निर्लज्ज तानाशाही शासन” के सामने झुक गया था।

Exit mobile version