Jairam Ramesh: लोकसभा चुनाव 2024 की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है सियासी पारा बढ़ता जा रहा है। वहीं एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट के इस कदम से इंडिया गठबंधन गदगद है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों की व्यापक गिनती की मांग वाली याचिका पर चुनाव आयोग और केंद्र से जवाब मांगा है। कांग्रेस के सांसद जयराम रमेश ने इसपर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
जयराम रमेश ने क्या कहा?
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने एनआई से बात करते हुए कहा कि “सुप्रीम कोर्ट ने सकारात्मक कदम उठाया है। हालांकि, हम पिछले 10 महीनों से समय की मांग कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने (ECI)ने इससे इनकार कर दिया था। हम सिर्फ अपनी मांगें रखना चाहते हैं, बाकी उस पर काम करना या न करना उनका अधिकार है। हम 100 फीसदी वीवीपैट चाहते हैं। मुझे लगता है कि कोर्ट के नोटिस पर ईसीआई को इस मुद्दे को 19 अप्रैल से पहले हल करना चाहिए, न कि 4 जून के बाद”।
क्या है पूरा मामला?
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता अरूण कुमार अग्रवाल ने एक याचिका दायर की गई थी। दायर याचिक में कहा गया था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में डाले गए प्रत्येक वोट का वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल पर्चियों से सत्यापन किया जाना चाहिए। इसी को लकेर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। खबरों के मुताबिक इसकी अगली सुनावाई 17 मई 2024 को हो सकती है।
क्या है VVPAT?
VVPAT का पूरा नाम वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल है जो एक तरीके का वोट वेरिफिकेशन सिस्टम है। बता दें कि यह वोटर को यह देखने की अनुमति देता है कि उस उम्मीदवार को गया हा या नहीं जिसे उसने वोट दिया है। वोट देने के बाद VVPAT से एक पर्ची निकलती है जिसमे पता चलता है कि वोटर ने किस पार्टी को वोट दिया है।