Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीखों का ऐलान हो चुका है। चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए शेड्यूल के मुताबिक राज्य की सभी 81 विधानसभा (Jharkhand Assembly Election 2024) सीटों पर दो चरणों में मतदान होंगे। पहले चरण का मतदान 13 नवंबर (43 सीट) तो वहीं दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर (38 सीट) को होगा। झारखंड (Jharkhand) में चुनाव की तारीख का ऐलान होने के साथ ही राज्य में विपक्ष की भूमिका निभा रही BJP ने कमर कस ली है। बीजेपी इस प्रयास में है कि झारखंड की सत्ता में वापसी कर अपने प्रभुत्व को बरकरार रखा जाए।
इसी क्रम में आज पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से सीटों का ऐलान भी कर दिया गया है। बीजेपी ने झारखंड में अपने सहयोगी दल ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (AJSU) के महत्व को समझते हुए उन्हें 10 सीट दे दी है। वहीं नीतीश कुमार की JDU को 2 तो चिराग पासवान की LJP (R) के खाते में 1 सीट गई है। दावा किया जा रहा है कि बीजेपी ने सीट शेयरिंग के इस फॉर्मूले से ‘INDIA’ गठबंधन के सामने नई चुनौती पेश कर दी है और हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के सियासी समीकरण को साधने के लिए कमर कस ली है।
Jharkhand Assembly Election 2024- ‘INDIA’ गठबधन को कड़ी टक्कर देने की तैयारी
झारखंड में पिछले 5 वर्ष सत्ता से दूर रही BJP एक बार फिर राज्य में अपना प्रभुत्व कायम करने के लिए बेताब है। इस क्रम में बीजेपी कुशल रणनीति के सहारे चुनावी मैदान में उतर रही है। बीजेपी ने वर्तमान समीकरण को देखते हुए कुल 81 विधानसभा (Jharkhand Assembly Election 2024) सीटों में से 68 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर रखा है। वहीं 10 सीटों पर ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (AJSU) तो 3 सीटों पर JDU और LJP (R) के उम्मीदवार उतरेंगे।
तमाम सियासी खींच-तान के बाद बीजेपी अपने कुशल रणनीति के तहत AJSU को अपने पाले में कर पाने में कामयाब रही है। दावा किया जा रहा है कि पार्टी का ये कदम एक सधी चाल है जिसके तहत वे झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन (JMM, Congress, RJD) (INDIA Alliance) को कड़ी टक्कर देने में कामयाब रहेंगे।
झारखंड की राजनीति में AJSU का महत्व
ऑल झारखंड स्टूडेंड यूनियन की राज्य में अच्छी पैठ मानी जाती है। इस क्षेत्रिय राजनितिक दल को 2010 में भारत निर्वाचन आयोग ने सूचीबद्ध किया था। वर्तमान में AJSU का नेतृत्व सुदेश महतो कर रहे हैं। सुदेश महतो के राजनीति की शुरुआत पृथक झारखंड आंदोलन से हुई। अपनी सक्रिय भागीदारी के कारण वे खूब चर्चाओं में रहे और उन्होंने जनता के बीच अपनी पैठ बनाई। ओबीसी समुदाय से आने वाले सुदेश महतो वर्ष 2000 में 25 साल की उम्र में विधायक बने। उनका सियासी सफर चलता रहा और फिर वे मंत्री बनने के बाद दिसंबर 2009 में झारखंड के उपमुख्यमंत्री भी बन गए।
झारखंड को अलग राज्य बनाने के लिए चले आंदोलन में AJSU ने अपनी अहम भूमिका निभाई और संघर्ष के बदौलत अपनी सियासी जमीन खड़ा कर दी। यही वजह है कि सियासी टिप्पणीकार उन्हें झारखंड में हेमंत सोरेन के मतबूत प्रतिद्वंदी के रूप में देखते हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि BJP और AJSU की जोड़ी वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में क्या गुल खिलाती है और क्या इनकी रणनीति हेमंत सोरेन को मात दे पाती है या नहीं?