Home ख़ास खबरें Kalpana Murmu Soren के सहारे ‘चंपई फैक्टर’ से पार पाने की कोशिश...

Kalpana Murmu Soren के सहारे ‘चंपई फैक्टर’ से पार पाने की कोशिश में JMM? जानें Hemant Soren की खास रणनीति

Jharkhand Assembly Election 2024: JMM नेता Hemant Soren अपनी खास रणनीति के सहारे झारखंड में BJP का सामना करने की तैयारी में हैं।

0
Jharkhand Assembly Election 2024
फाइल फोटो- प्रतीकात्मक

Jharkhand Assembly Election 2024: महाराष्ट्र के साथ ही झारखंड में भी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। राज्य में 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election 2024) को लेकर राज्य में सियासी तनातनी का दौर भी शुरू हो चुका है। झारखंड (Jharkhand) की वर्तमान सत्तारुढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) एक बार फिर अपने प्रभुत्व को बरकरार रखने के लिए बेताब है और इस क्रम में सत्ता वापसी के लिए खूब जोर लगा रही है। वहीं पिछले 5 वर्षों से विपक्ष में काबिज BJP के लिए भी झारखंड का चुनाव बेहद अहम है और पार्टी हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को हरा कर अबकी बार फिर से झारखंड में सत्ता की कुर्सी पर कब्जा करना चाहती है।

झारखंड की राह इंडिया गठबंधन (JMM, कांग्रेस) के साथ NDA (बीजेपी व अन्य दल) के लिए भी आसान नहीं है। राज्य में सियासी उठा-पटक के बाद बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को मजबूती मिलने के दावा किया जा रहा है। सूबे के पूर्व सीएम और कोल्हान टाइगर (Kolhan Tiger) के नाम से मशहूर चंपई सोरेन (Champai Soren) अब JMM का दामन छोड़ BJP के साथ हैं। वहीं जेएमएम इस फैक्टर से उबरने के लिए सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी व गांडेय से विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन (Kalpana Murmu Soren) का सहारा ले रही है और महिला वोटर्स को पार्टी ओर आकर्षित करने की नीति पर काम कर रही है। ऐसे में आइए हम आपको इस पूरे प्रकरण के बारे में विस्तार से बताते हैं।

Jharkhand Assembly Election 2024- ‘चंपई फैक्टर’ से पार पाने की कोशिश में JMM?

झारखंड की वर्तमान सत्तारुढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के सामने विधानसभा चुनाव एक बड़ी चुनौती है। झारखंड के सियासी हालात पहले की तुलना में बदल चुके हैं। बीते दिनों हेमंत सोरेन जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल जा चुके हैं। उन पर कई आरोप भी लगे जिससे उनकी छवि धूमिल होने का दावा है। हालाकि जमानत मिलने के बाद उनके साथ सहानुभूति भी जुटती नजर आ रही है।

सोरेन परिवार के खास रहे चंपई सोरेन भी अब JMM का दामन छोड़ कर BJP के साथ आ चुके हैं। इसके अलावा हेमंत सोरेन के बड़े भाई दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन 2019 में जेएमएम से विधायक निर्वाचित हुई थीं। सीता सोरेन भी अब बीजेपी में हैं और हेमंत सोरेन के खिलाफ विभिन्न राजनीतिक मंच से ताल ठोक रही हैं। वहीं 5 वर्षों से सत्ता में काबिज ‘इंडिया ब्लॉक’ के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी होने का भी दावा किया जा रहा है।

उपरोक्त सभी चुनौतियों से निपटना JMM के लिए बड़ी चुनौती है। हेमंत सोरेन ने मौजूदा समीकरण और राजनीतिक हिसाब-किताब को देखते हुए खास रणनीति साधी है। उनकी पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन (Kalpana Murmu Soren) भी राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय हैं और JMM का गढ़ माने जाने वाले कोल्हान इलाके में जाकर चंपई सोरेन को चुनौती दे रही हैं। दावा किया जा रहा है कि कल्पना सोरेने की सक्रियता से JMM को फायदा मिल सकता है और महिला वोटर्स का रूझान पार्टी की ओर जा सकता है। इससे चुनावी परिणाम के बेहतर होने की संभावना है।

झारखंड विधानसभा चुनाव में दिलचस्प है लड़ाई

झारखंड विधानसभा चुनाव की लड़ाई बेहद दिलचस्प है। एक ओर जहां JMM के नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक (RJD, JMM, Congress) चुनावी मैदान में है तो वहीं दूसरी ओर BJP के नेतृत्व में NDA (JDU, LJSP-R) भी ताल ठोक रही है। झारखंड का समीकरण बदला है और राज्य के पहले सीएम बाबू लाल मरांडी अपने दल झारखण्ड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) का विलय बीजेपी में कर चुके हैं और अभी पार्टी के अध्यक्ष हैं।

ऐसे में एक ओर जहां JMM के नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक खड़ी है तो दूसरी ओर BJP के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन है जो हरियाणा में मिली जीत के बाद आत्मविश्वास से भरा पड़ा है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि 23 नवंबर को चुनावी नतीजे किसके पक्ष में आते हैं और किसका समीकरण सही साबित होता है।

Exit mobile version