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Jharkhand Election 2024: पलामू से कोल्हान, संथाल परगना तक उत्साह! क्या रंग लाएगा Himanta Biswa Sarma और BJP का प्रयास?

Jharkhand Election 2024: चुनावी प्रचार-प्रसार के दौरान पलामू से लेकर संथाल परगना और कोल्हान तक गरजने वाले हिमंता बिस्वा सरमा पर सभी की नजरें हैं। पूछा जा रहा है कि क्या हिमंता बिस्वा सरमा और BJP के स्थानीय व अन्य नेताओं का प्रयास रंग लाएगा?

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Jharkhand Election 2024
सांकेतिक तस्वीर

Jharkhand Election 2024: झारखंड की सियासत पर नजर रखने वालों की मानें तो कोल्हान और संथाल परगना क्षेत्र राज्य की सियासत में अपना अहम स्थान रखता है। इन दोनों क्षेत्रों को मिलाकर कुल 32 विधानसभा सीटें आती हैं। इसमें पलामू को जोड़ें तो यहां की 9 विधानसभा सीटें भी बढ़ जाएंगी। दावा किया जाता है कि जिस दल ने भी पलामू, कोल्हान और संथाल परगना (Santhal Pargana) में अच्छा प्रदर्शन किया, उसकी सत्ता वापसी के राह खुल सकते हैं। झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Election 2024) के लिहाज से देखें तो मतदान संपन्न हो चुका है।

पहले चरण में 43 सीटों पर 66.65 फीसदी तो वहीं दूसरे चरण में 38 सीटों पर हुए मतदान में शाम 5 बजे तक 67.59% मतदान दर्ज किया गया। इसका आशय है कि झारखंड चुनाव के दौरान पलामू से लेकर कोल्हान (Kolhan) और संथाल परगना तक मतदाताओं में जबरदस्त उत्साह है। इस उत्साह की वजह इंडिया ब्लॉक और राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन (NDA) के बीच नेक-टू-नेक की फाइट होना भी बताया जा रहा है। झारखंड में बीजेपी ने हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) के नेतृत्व में हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को जबरदस्त टक्कर दी है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या हिमंता बिस्वा सरमा और BJP का प्रयास रंग लाएगा?

Jharkhand Election 2024- पलामू से कोल्हान और संथाल परगना तक सियासी समीकरण!

पलामू (Palamu) में कुल 9 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इस विधानसभा क्षेत्र को ओबीसी मतदाताओं का गढ़ माना जाता है। यहां डालटनगंज से लेकर बिश्रामपुर, हुसैनाबाद, पांकी समेत अन्य विधानसभा क्षेत्रों में दिलचस्प लड़ाई है। दावा किया जा रहा है कि बीजेपी (BJP) ने मजबूती से पलामू के समीकरण को साधने का काम किया है।

कोल्हान की बात करें तो इस क्षेत्र पर बीजेपी का सबसे ज्यादा ध्यान रहा। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का गढ़ माने जाने वाले कोल्हान से आने वाले पूर्व सीएम चंपई सोरेन (Champai Soren) को बीजेपी ने अपने पाले में लिया। इसके अलावा हिमंता बिस्वा सरमा, बाबूलाल मरांडी, सरयू राय और गीता कोड़ा (मधु कोड़ा की पत्नी) ने कोल्हान (Kolhan) में लगातार सभाएं की हैं। कहा जा रहा है कि यदि बीजेपी कोल्हान (14 सीट) में बेहतर करती है तो उसके सत्ता में आने की संभावना बढ़ सकती है।

संथाल परगना (Santhal Pargana) बीजेपी के लिए थोड़ा चिंताजनक अवश्य रहा है। दरअसल, संथाल परगना का इलाका आदिवासी बाहुल है। इस इलाके की सभी 18 सीटों पर जेएमएम मजबूती से चुनावी मैदान में है। हालांकि हिमंता बिस्वा सरमा के साथ बीजेपी के शीर्ष व स्थानीय नेतृत्व में संथाल परगना में जमकर पसीना बहाया है। दावा किया जा रहा है कि यदि बीजेपी संथाल परगना का किला भेदने में कामयाब रही तो उसकी सत्ता की दावेदारी मजबूत हो सकेगी।

उत्तरी छोटा नागपुर (25 सीट) और दक्षिणी छोटा नागपुर (15 सीट) भी झारखंड के लिए बेहद अहम हैं। इन दोनों इलाकों में बेहतर प्रदर्शन करना जेएमएम के नेतृत्व वाली इंडिया ब्लाक और बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए के लिए बड़ी चुनौती है।

क्या रंग लाएगा Himanta Biswa Sarma और BJP का प्रयास?

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Election 2024) के लिए जीतोड़ मेहनत की है। उन्होंने बतौर बीजेपी प्रभारी झारखंड में पिछले कुछ सप्ताह से डेरा डाल रखा था। बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमानों की बात हो या अवैध घुसपैठियों की, BJP की ओर से हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने सबसे ज्यादा इन मुद्दों पर जोर दिया। टिप्पणीकारों की मानें तो इन्हीं मुद्दों बल पर बीजेपी के पक्ष में एक मोमेंटम बना जिसका लाभ आगामी समय में मिल सकता है। हालांकि, हिमंता बिस्वा सरमा और बीजेपी के अन्य नेताओं का प्रयास कितना रंग लाएगा ये तो 23 नवंबर को नतीजों के ऐलान के साथ ही स्पष्ट हो सकेगा।

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