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Jharkhand में क्यों पिछड़ रहा NDA? क्या BJP शीर्ष नेतृत्व और Himanta Biswa Sarma की साख पर लगेगा डेंट?

Jharkhand Election Result 2024: झारखंड में NDA के पिछड़ने और JMM को बढ़त मिलने के बाद Himanta Biswa Sarma का जिक्र तेजी से हो रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि यदि झारखंड में BJP के नेतृत्व वाले NDA को हार मिली तो क्या Himanta Biswa Sarma की साख पर डेंट लगेगा?

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Jharkhand Election Result 2024
फाइल फोटो- हिमंता बिस्वा सरमा

Jharkhand Election Result 2024: उत्तर-पूर्वी राज्यों में बीजेपी के लिए संकटमोचन की भूमिका निभाने वाले हिमंता बिस्वा सरमा के नाम की चर्चा जोरों पर है। असम के मुख्यमंत्री ने झारखंड विधानसभा चुवाव में अपनी अहम भूमिका निभाई है। हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने बतौर प्रभारी झारखंड में बीजेपी के लिए चुनावी प्रचार की कमान संभाली। इस दौरान सीएम हिमंता ने डैमेज कंट्रोल से लेकर हर पहलुओं पर बारिक नजर रखने का काम किया। हालांकि, झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम (Jharkhand Election Result 2024) उनके उम्मीदों के विपरित नजर आ रहे हैं।

चुनाव आयोग (Election Commission) की साइट पर दर्ज जानकारी के मुताबिक झारखंड में JMM के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) को बहुमत मिलती नजर आ रही है। वहीं BJP के नेतृत्व वाला NDA बहुमत से दूर जाता नजर आ रहा है। ऐसे में सवाल बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व और हिमंता बिस्वा सरमा की भूमिका पर उठ रहे हैं। पूछा जा रहा है कि क्या झारखंड में NDA के पिछड़ने के हिमंता बिस्वा सरमा की साख पर डेंट लगेगा? साथ ही ये भी पूछा जा रहा है कि झाखंड में NDA के पिछड़ने की वजह क्या है?

Jharkhand में क्यों पिछड़ रहा NDA?

चुनाव आयोग (Election Commission) की साइट पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में JMM के नेतृत्व वाला इंडिया गठबंधन बहुमत के आंकड़े को पार कर चुका है। JMM के 28, कांग्रेस 14 और RJD के 4 उम्मीदवारों ने फिलहाल बढ़त बना रखी है। वहीं BJP के नेतृत्व वाला एनडीए तेजी से पिछड़ता नजर आ रहा है। इसकी कई खास वजहें बताई जा रही हैं। JMM को मिली बढ़त और एनडीए (NDA) के पिछड़ने की सबसे खास वजह है हेमंत सोरन की मईयां योजना। इसके तहत हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार ने राज्य की 18 से 50 वर्ष तक की महिलाओं को प्रत्येक माह 1000 रुपये देने का काम किया है। मईयां योजना ने महिलाओं के बीच जेएमएम की पैठ बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई।

मईयां योजना के अलावा हेमंत सोरेन को हुई जेल ने उनके पक्ष में एक सहानुभूति लहर पैदा की। इसका लाभ भी इंडिया गठबंधन को मिलता नजर आ रहा है और NDA इस कारण से भी पिछड़ती नजर आ रही है। एनडीए के पिछड़ने का तीसरा कारण है कल्पना मुर्मू सोरेन। जेएमएम ने जिस तरह के कल्पना मुर्मू सोरेन(Kalpana Murmu Soren) को आगे कर चुनावी रणनीति बनाने और महिला मतदाताओं को आकर्षित करने का प्रयास किया, वो सफल होता नजर आ रहा है। यही वजह है कि जेएमएम (JMM) के पक्ष में माहौल बना और एनडीए गठबंधन पिछड़ता गया।

Jharkhand Election Result 2024- क्या Himanta Biswa Sarma की साख पर लगेगा डेंट?

असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Election) के दौरान प्रचार-प्रसार की कमान संभाली। बागियों को मनाने की बात हो या चुनावी समीकरण साधने की सीएम हिमंता बिस्वा सरमा हर मोर्चे पर सामने नजर आए। टिप्पणीकारों की मानें तो बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने झारखंड विधानसभा चुनाव की सारी जिम्मेदारी हिमंता बिस्वा सरमा को दे दी थी। हालांकि, परिणाम बीजेपी और एनडीए की उम्मीद से विपरित हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं क्या हिमंता की साख पर डेंट लगेगा?

बता दें कि मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) की उत्तर पूर्वी राज्यों में विशेष पैठ है। यही वजह है कि बीजेपी ने उन्हें झारखंड की जिम्मेदारी भी दी। हिमंता ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन भी किया। उन्होंने कई बागी उम्मीदवारों से पार्टी के लिए समर्थन जुटाए। डैमेज कंट्रोल करने का काम किया और झारखंड में बीजेपी के लिए एक माहौल तैयार किया। यही वजह है कि बीजेपी के टक्कर देने की बात कही जा रही थी। हालांकि, चुनावी परिणाम एनडीए के पक्ष में नहीं आए।

सियासी टिप्पणीकारों की मानें तो इससे हिमंता बिस्वा सरमा की साख पर डेंट लगने की संभावना न के बराबर है। दरअसल, झारखंड विधानसभा चुनाव में एक सहानुभूति लहर भी चली जिसे JMM के लिए बड़ा फैक्टर माना जा रहा है। हिमंता ने बीजेपी के लिए भरपूर कोशिश की। चुनाव में हार-जीत का दौर भी लगा रहता है। ऐसे में उनकी साख पर सवाल उठने की संभावना कम है।

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