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Kangana Ranaut: कृषि कानून पर बोल कर फंसी कंगना! जानें सांसद बनने के बाद उनके किन बयानों पर छिड़ चुकी है सियासी जंग?

Kangana Ranaut: इस लेख के माध्यम से हम आपको BJP सांसद कंगना रनौत के उन बयानों के बारे में बताएंगे जिनको लेकर सियासी जंग छिड़ चुकी है।

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Kangana Ranaut
Kangana Ranaut

Kangana Ranaut: चर्चित बॉलीवुड (Bollywood) अभिनेत्री व भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर मंडी (Mandi) से सांसद बनीं कंगना रनौत (Kangana Ranaut) का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल उन्होंने बीते दिन हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election 2024) के लिए प्रचार-प्रसार के दौरान कृषि कानून (Farm Laws) को लेकर ऐसा बयान दे दिया जिसके कारण सियासी जंग छिड़ी है। कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने बीते दिन हरियाणा में तीन कृषि कानूनों को सही ठहराते हुए अपनी आवाज बुलंद कर दी।

कंगना ने हरियाणा की धरा से कहा कि वो वापस लिए गए तीनों कृषि कानून फिर से लागू करने की मांग करती हैं। कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के इस बयान को लेकर विपक्ष उनके खिलाफ हमलावर हो गया है और आनन-फानन में BJP को सफाई जारी करनी पड़ी है। हालाकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि कंगना के बयान को लेकर सियासी जंग छिड़ी है। इससे पहले भी कंगना द्वारा किसान आंदोलन (Farmer Protest), सिख समुदाय व अन्य कई मसलों पर दिए गए बयान को लेकर सियासी वॉर छिड़ चुका है। ऐसे में आइए हम आपको कंगना रनौत के कुछ कंट्रोवर्सियल बयानों के बारे में बताते हैं।

Kangana Rauant ने क्या कहा?

कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने बीते दिन हरियाणा में चुनावी प्रचार-प्रसार के दौरान कहा कि “कृषि कानून किसानों के हित में थे। मुझे पता है कि यह बयान विवादास्पद हो सकता है लेकिन तीन कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए।” उनके इस बयान के बाद BJP प्रवक्ता गौरव भाटिया का बयान सामने आया और उन्होंने इस बयान को कंगना का व्यक्तिगत बयान बताया। कंगना ने भी इसे पार्टी के आधिकारिक बयान बताने की बजाय अब व्यक्तिगत मत मान लिया है। हालाकि उनके इस बयान को लेकर विपक्ष (Opposition) उन पर पूरी तरह से हमलावर है।

Kangana Ranaut के और किन बयानों पर छिड़ चुकी है सियासी जंग?

हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने के बाद कंगना रनौत के अन्य कई बयानों से सियासी जंग छिड़ चुकी है। उन्होंने 25 अगस्त 2024 को किसान आंदोलन पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि “किसान आंदोलन के जरिए भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा करने की तैयारी थी। अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व सशक्त नहीं होता तो जो बांग्लादेश में हुआ है वो यहां (भारत) होने में भी देर नहीं लगती।” कंगना के इस बयान को लेकर भी खूब वार-पलटवार का दौर देखा गया और BJP की ओर से सफाई जारी की गई थी।

कंगना रनौत ने एक और बयान देते हुए ने शंकराचार्य के ऊपर भी सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि “शंकराचार्य जी ने महाराष्ट्र के हमारे मुख्यमंत्री को अपमानजनक शब्दावली से ग़द्दार, विश्वासघाती जैसे आरोप लगाते हुए हम सब की भावनाओं को ठेस पहुचाई है। शंकराचार्य जी इस तरह की छोटी और ओछी बातें करके हिन्दू धर्म की गरिमा को ठेस पहुँचा रहे हैं।”

Rahul Gandhi पर साधा था निशाना

कंगना रनौत ने जुलाई माह में संसद के मॉनसून सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर निशाना साधा था। उन्होंने राहुल गांधी के बयान को लेकर कहा था कि “वो जिस तरह की बदहवास बातें करते हैं उनका टेस्ट होना चाहिए कि क्या वो ड्रग्स लेते हैं?” उनके इस बयान को लेकर भी विपक्ष ने उन पर जमकर निशाना साधा था।

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