Karnataka: हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने भारी बहुमत के साथ कर्नाटक में जीत दर्ज की है। कर्नाटक 224 विधानसभा सीटों मे से कांग्रेस ने 135 सीट जीतकर इतिहास रच दिया है। अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद और मंत्री पद दिए जाने को लेकर पार्टी की मीटिंग चल रही है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस की तरफ से अभी किसी का नाम नहीं आया है लेकिन कर्नाटक सुन्नी उलेमा बोर्ड के मुस्लिम नेताओं ने अपनी मांग रख दी है कि कर्नाटक में उपमुख्यमंत्री का पद किसी मुस्लिम नेता को दिया जाये और कम से कम पांच मंत्रालय मुस्लिम नेताओं को दिए जाने चाहिएं।
मुस्लिम सुन्नी उलेमा बोर्ड ने क्या-क्या मांग की है
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में मुस्लिमों ने कांग्रेस को वोट देने की बात कही है। मुस्लिम सुन्नी उलेमा बोर्ड ने कहा है कि प्रदेश के 90 लाख मुस्लामानों ने कांग्रेस को वोट दिया है। कांग्रेस से हमने 30 सीट मांगी थीं। कांग्रेस से हमें 15 सीट दीं। उन 15 सीटों पर 9 मुस्लिम कंडीडेट विधायक बने हैं। अब इन मुस्लिमों में से ही किसी एक को डिप्टी सीएम का पद मिलना चाहिए इसके अलावा गृह, राजस्व, स्वास्थय और अन्य विभागों में मंत्री बनाने के लिए कहा है। मुस्लिम वक्फ बोर्ड का मानना है कि कर्नाटक में कांग्रेस 72 सीटों पर मुस्लिम वोटों की वजह से जीती है। मुसलमानो ने कांग्रेस को बहुत कुछ दिया है अब बदले में मुसलमानों को भी कुछ मिलना चाहिए।
डब्ल्यूक्यूएफ बोर्ड के अध्यक्ष शफी सादी ने कहा
डब्ल्यूक्यूएफ बोर्ड के अध्यक्ष शफी सादी ने कहा है कि हमने इन सभी को लागू करने के लिए सुन्नी उलमा बोर्ड कार्यालय में एक आपात बैठक की है। सादी ने कहा कि यह कांग्रेस तय करे कि किसने अच्छा काम किया है और कौन मंत्री पद का एक अच्छा उम्मीदवार है। मुस्लिम उम्मीदवारों ने निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा किया और वहां प्रचार किया। उन्होंने हिन्दू मुस्लिम एकता को सुनिश्चित करते हुए अपने निर्वाचन क्षेत्र को पीछे छोडने में गुरेज नहीं किया। इसलिए कांग्रेस की जीत में इनकी अहम भूमिका है और सादी ने कहा कि सरकार में मुस्लिम समुदाय से एक डिप्टी सीएम होना चाहिए। यह कांग्रेस की जिम्मेदारी है।
कर्नाटक इतिहास में मुस्लिम नहीं रहा मुख्यमंत्री
मुस्लिम नेताओं ने फिर से दौहराया कि यह मांग उन्होंने चुनाव से भी पहले की थी। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद हमने नहीं कहा यह चुनाव से पहले ही हमारी मांग थी। इस मांग को अब पूरा किया जाना चाहिए। इसके आगे उन्होंने कहा कि कर्नाटक के इतिहास में इस पहले कभी कोई मुस्लिम मुख्यमंत्री नहीं रहा है। इसलिए कर्नाटक में होना तो मुस्लिम मुख्यमंत्री ही चाहिए लेकिन हम सिर्फ उपमुख्यमंत्री की मांग कर रहे हैं। राज्य में जब 90 लाख मुस्लिम हैं। यानि कर्नाटक में अनूसूचित जाति के अलावा मुस्लिम ही सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। हमे जो 30 से ज्यादा सीटें चाहिएं थीं वो नहीं दी गई लेकिन अब हमें कम से कम एस.एम. कृष्णा की तरह पांच मुस्लिम मंत्री और एक डिप्टी सीएम चाहिए। मुस्लिम बस इतना ही चाहते हैं।
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