Kisan Mahapanchayat: किसान आज एक बार फिर अपना सामर्थ्य दिखाने के लिए रामलीला मैदान में जुटे हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से फरवरी में ये कहा गया था कि सरकार अगर हमारी लंबित मांगों को नहीं मानती है तो होली के बाद एक बार फिर किसान राजधानी दिल्ली की कूच करेंगे। ऐसे में किसानों के बड़े नेताओं ने एक बैठक किया और इस बैठक में 20 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत बुलाई गई। किसानों का हुजूम शनिवार से ही यहां पहुंचने लगा था। इस महापंचायत में देश के अलग – अलग राज्यों से लाखों किसान पहुंच रहे हैं।
वहीं इस महापंचायत को शांति ढंग से करने के लिए दिल्ली पुलिस की तरफ से इजाजत दे दी गई है। दिल्ली में आज हो रहे इस महापंचायत के जरिए देश के अलग – अलग राज्यों के किसान अपनी मांगों को सीधे तौर पर केंद्र सरकार के समक्ष रखेंगे। वहीं किसानों ने ये भी कहा है कि अगर सरकार इन मांगों को नहीं मानती है तो आने वाले लोकसभा चुनाव में इसका परिणाम केंद्र सरकार को भुगतना पड़ेगा। किसानों के द्वारा हो रहे इस महापंचायत से केंद्र सरकार की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सी गई हैं।
चप्पे – चप्पे पर पुलिस
'Kisan Mahapanchayat' underway at Ramlila Maidan in Delhi
Farmers have gathered here to demand a legal guarantee on MSP and fulfilment of their other demands. pic.twitter.com/CMkvAj1fKd
— ANI (@ANI) March 20, 2023
ऐसे में दिल्ली पुलिस ने भी सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए हैं। किसी भी तरह का उपद्रव न मच सके इसके लिए चप्पे – चप्पे पर पुलिस को तैनात किया गया है। वहीं दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की तरफ से भी इस आंदोलन को देखते हुए कई जगह का रास्ते को बंद कर दिया गया है। वहीं कुछ रूटों में परिवर्तन भी किया गया है। किसानों के इस हुजूम को देखकर दिल्ली पुलिस की तरह से रामलीला मैदान में 2000 अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है। वहीं ट्रैफिक पुलिस की तरफ से ये कहा गया है कि घर से निकलने से पहले एक बार रूट मैप चेक कर लें।
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ये है किसानों की प्रमुख मांगे
एक तरफ सरकार जहां लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी हैं वहीं दूसरी तरफ किसान अपना हुजूम लेकर दिल्ली पहुंच गए हैं। ऐसे में किसानों ने सरकार को अभी से लोकसभा चुनाव में मांगों को पूरा न करने पर देख लेने की धमकी दी है। वहीं रविवार को संयुक्त मंच एसकेएम ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि ये महापंचायत सरकार पर कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य की गारंटी को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए बुलाया गया है।
किसी भी फसल की खरीद स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के तहत खरीदा जाए। इसके अलावा किसानों ने कहा कि MSP की खरीद पर भी कानून लागू किया जाए।
किसानों ने एमएसपी पर गठित समिति और एजेंडे पर भी कई तरह के सवाल खड़े किए हैं। इस दौरान किसानों ने कहा है कि इसके लिए एक नै समिति बनाई जाए।
किसानों ने मांग की है कि प्राकृतिक आपदा की वजह से किसानों की फसलों को बहुत नुकसान पहुंचता है। ऐसे में कुछ किसान लोन लेकर और कुछ किसान कर्ज लेकर अपने फसलों की बुवाई करते हैं। ऐसे में पैदावार न होने की वजह से किसान कर्ज को नहीं दे पते और उन्हें आत्महत्या करना पड़ता है। ऐसे में सरकार उनकी मदद करे और लोन के पैसे को माफ़ करे।
किसानों ने कहा है कि हमें 300 यूनिट तक बिजली फ्री मिलनी चाहिए। इसकी वजह से किसान अपनी खेती और भी अच्छे तरीके से कर पाएंगे।
अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्ती को लेकर भी किसानों ने आवाज उठाने की बात कही है। अगर अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त नहीं किया गया तो किसान और भी बड़ा प्रदर्शन करेंगे।
किसानों ने अपने पेंशन की मांग को रखते हुए कहा है कि सरकार सभी की तरह किसानों को भी 5000 रुपए पेंशन के रूप में दे।