Lateral Entry: बीते कई दिनों से लेटरल एंट्री के तहत सीधी भर्ती को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर नजर आ रहा था। गौरतलब है कि कांग्रेस, एसपी समेत कई विपक्षी दल लेटरल एंट्री का कड़ा विरोध कर रहे थे, जिसके बाद केंद्र सरकार ने आज यानि मंगलवार को लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगाने का आदेश दे दिया है। बता दें कि कार्मिक मंत्री ने यूपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखा और विज्ञापन भर्ती पर रोक लगाने का आदेश दिया है। इसी बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस फैसले के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी अध्यक्ष को लिखा पत्र
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा यूपीएससी अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा गया है कि अधिकतर लेटर एंट्रीज 2014 से पहले की थी और इन्हें एडहॉक स्तर पर किया गया था। प्रधानमंत्री का विश्वास है कि लेटरल एंट्री हमारे संविधान में निहित समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के समान होनी चाहिए, विशेष रूप से आरक्षण के प्रावधानों के संबंध में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए।
अखिलेश यादव ने केंद्र पर साधा निशाना
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि “यूपीएससी में लेटरल एन्ट्री के पिछले दरवाज़े से आरक्षण को नकारते हुए नियुक्तियों की साज़िश आख़िरकार पीडीए की एकता के आगे झुक गयी है। सरकार को अब अपना ये फ़ैसला भी वापस लेना पड़ा है। भाजपा के षड्यंत्र अब कामयाब नहीं हो पा रहे हैं, ये PDA में आए जागरण और चेतना की बहुत बड़ी जीत है।
इन परिस्थितियों में समाजवादी पार्टी ‘लेटरल भर्ती’ के ख़िलाफ़ 2 अक्टूबर से शुरू होनेवाले आंदोलन के आह्वान को स्थगित करती है, साथ ही ये संकल्प लेती है कि भविष्य में भी ऐसी किसी चाल को कामयाब नहीं होने देगी व पुरज़ोर तरीके से इसका निर्णायक विरोध करेगी। जिस तरह से जनता ने हमारे 2 अक्टूबर के आंदोलन के लिए जुड़ना शुरू कर दिया था, ये उस एकजुटता की भी जीत है। लेटरल एंट्री ने भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है”।
भाजपा की हर साजिशों को करेंगे नाकाम
कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र के फैसले पर कहा कि “संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे। भाजपा की ‘लेटरल एंट्री’ जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखाएंगे।
मैं एक बार फिर कह रहा हूं 50% आरक्षण सीमा को तोड़ कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे। जय हिन्द”।