LK Advani: सोमनाथ से निकला रथ जिसका गंतव्य स्थल अयोध्या था, उसकी चर्चा आज भी होती है। इस रथ पर सवार थे बीजेपी (BJP) के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी। लाल कृष्ण आडवाणी (LK Advani) की तबीयत आज नाजुक स्थिति में है। उन्हें अपोलो अस्पताल (Apollo Hospital) में भर्ती कराया गया है। डॉ. विनीत सूरी (Dr Vinit Suri) की देखरेख में उनका इलाज जारी है। अस्पताल की ओर से लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) की हेल्थ बुलेटिन जारी कर बताया गया है कि उनकी हालत फिलहाल स्थिर है। लाल कृष्ण आडवाणी की तबीयत बिगड़ने की बीच ही उनसे जुड़े तमाम किस्से सोशल मीडिया पर ट्रेंड मे हैं। उनमें से एक है आडवाणी द्वारा सितंबर 1990 में शुरू की गई रथ यात्रा। ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि इस दिग्गज बीजेपी नेता ने कैसे अयोध्या राम मंदिर (Ram Mandir) के लिए पूरे दम-खम के साथ लड़ाई लड़ी थी।
LK Advani की हेल्थ बुलेटिन को लेकर ताजा अपडेट!
अपोलो अस्पताल (Apollo Hospital) की ओर से लाल कृष्ण आडवाणी की हेल्थ बुलेटिन को लेकर ताजा अपडेट जारी किए गए हैं। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि डॉ. विनीत सूरी की देख रेख में आडवाणी का इलाज जारी है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। बता दें कि इससे पूर्व 6 अगस्त और 4 जुलाई को भी लाल कृष्ण आडवाणी की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
Ayodhya Ram Mandir के लिए पूरे दम-खम के साथ लड़े थे Lal Krishna Advani?
1990 के उत्तरार्ध का दौर बेहद अलग था। देश के विभिन्न हिस्सों में उन दिनों अयोध्या राम मंदिर बनाने की मांग तेजी से छिड़ी थी। राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण की मांग को लेकर ही बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी (LK Advani) ने रथ यात्रा निकालने की ठानी। उनकी रथ यात्रा 25 सितंबर 1990 को सोमनाथ से निकली जो कि 30 अक्टूबर को अयोध्या में समाप्त हुई थी। इस दौरान लाल कृष्ण आडवाणी और बीजेपी का कद उत्तर भारत में तेजी से बढ़ा और पार्टी आगे चल कर यूपी की सत्ता में आने में कामयाब रही थी।
रथ यात्रा में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, प्रमोद महाजन, पीएम नरेन्द्र मोदी, श्याम मुरली मनोहर जोशी, RSS व VHP के अन्य कई दिग्गज नेता शामिल हुए। रथ यात्रा के दौरान ही 22 अक्टूबर को बिहार के समस्तीपुर से आडवाणी को गिरफ्तार किया गया। बीजेपी ने इसी दौर में केन्द्र की वीपी सिंह सरकार ने अपना समर्थन वापस लिया और उनकी सरकार गिर गई। इसके बाद कांग्रेस के समर्थन से चंद्रशेखर सिंह पीएम बने। इन तमाम राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच बीजेपी और लाल कृष्ण आडवाणी की साख उत्तर भारत में मंजबूत होती रही जिसका लाभ उन्हें निकट भविष्य में मिला।