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Lok Sabha Election 2024: सोनिया गांधी राज्यसभा के रास्ते संसद पहुंचीं, राहुल गांधी ने अमेठी छोड़ा! क्या मोदी ने विपक्ष को कर दिया ख़त्म?

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Lok Sabha Election 2024
PM Modi, Rahul Gandhi

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है, सियासी पारा बढ़ता जा रहा है। सभी पार्टियों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। वहीं आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। गौरतलब है कि इस बार लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होंगे। बता दें कि पहले फेज का मतदान 19 अप्रैल 2024 होगा। एक बार फिर बीजेपी ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है। बता दें कि राहुल गांधी ने 3 अप्रैल को वायनाड लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया।

बीजेपी अब सवाल कर रही है कि राहुल गांधी अपनी पुश्तैनी सीट छोड़ कर क्यो भाग गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को अमेठी सीट से हार का मुंह देखना पड़ा था। बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने इस सीट से बाजी मारी थी। इस लेख के माध्यम से आपको बताते है कि क्या राहुल गांधी अपनी पुश्तैनी सीट से चुनाव लड़ेंगे? क्या मोदी मैजिक अभी भी बरकार है।

क्या अपनी पुश्तैनी सीट छोड़ देगी कांग्रेस?

बता दें कि Lok Sabha Election 2024 में दूसरे चरण का नामांकन अब अंतिम दौर में है। लेकिन कई सीटे ऐसी है जहां किसी भी पार्टी ने अपने उम्मीदवार नही उतारे। सबसे ज्यादा चर्चा में उत्तर प्रदेश की 2 वीवीआईपी सीट है। एक है अमेठी और दूसरी रायरबरेली लोकसभा सीट। बता दें कि यह कांग्रेस की पुश्तैनी सीट मानी जाती है। हालांकि इस बार कई तरह के कयास लगाएं जा रहे है। इस बार गांधी परिवार से चुनाव मैदान में कौन उतरेगी। लेकिन अगर हम जमीनी हकीकत देखे तो सोनिया गांधी ने इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया है।

वहीं एक बार फिर राहुल गांधी वायनाड से चुनावी मैदान में उतरे है। सूत्रों के मुताबिक इस बार राहुल गांधी एक ही सीट से चुनाव लड़ सकते है। वहीं अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस किसको चुनावी मैदान में उतारती है। बीजेपी ने एक बार फिर अमेठी से स्मृति ईरानी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं रायबरेली से किसी भी ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे है।

स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने पर कसा तंज

बता दें कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मध्य प्रदेश मे रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर तंज कसा, उन्होंने कहा कि उस क्षेत्र से हूं, जहां पर पांच दशक एक खानदान का राज रहा है। हार के डर से भागने की कांग्रेस की फितरत हो गई है, ये अमेठी वालों से पूछ लो। जिसके पक्ष में सत्य हो, लोकतंत्र हो उसकी जीत पक्की है। ईरानी ने आगे कहा जिस क्षेत्र की मैं प्रतिनिधि हूं उस क्षेत्र में कांग्रेस का हाथ तो था ही, लेकिन साथ-साथ साइकिल भी चलती थी। मैं उस क्षेत्र से हूं जहां पर हाथ को साफ किया गया, साइकिल को पंचर किया गया।

क्या मोदी ने विपक्ष को खत्म कर दिया?

गौरतलब है कि Lok Sabha Election 2024 की तारीखों का ऐलान होने के बाद से ही बीजेपी चुनाव को लेकर आक्रामक नजर आ रही है। पीएम मोदी ने तो अपना चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है। उन्होंने यूपी के मेरठ से चुनावी रैली का शुभारंभ किया। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि क्या मोदी ने विपक्ष को खत्म कर दिया है? यह कहना गलत नही होगा कि इस चुनाव में सभी पार्टी इंडिया गठबंधन के रूप में एक साथ नजर आ रही है। वहीं बीजेपी ने तो अबकी बार 400 पार का नारा दे दिया है। हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार बीजेपी 400 सीट का आंकड़ा पार करती है या नही। गौरतलब है कि इस बार सीधा मुकाबला बीजेपी और इंडिया गठबंधन के बीच होगा।

सभी विपक्षी पार्टी क्यों आई एक साथ?

आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली NDA को शानदार जीत मिली। 2019 में NDA की यह जीत प्रचंड जीत में बदल गई। वहीं कांग्रेस पार्टी और यूपीए का हालत चुनाव दर चुनाव बिगड़ती गई। बता दें कि बीजेपी का विजयी रथ जारी है। गौरतलब है कि ऐसे में मोदी के नेतृत्व वाले NDA को सत्ता से बाहर करने के लिए नया विपक्षी गठबंधन तैयार हुआ है। इसका नाम रखा गया I.N.D.I.A. यानी अब 2024 में NDA का मुकाबला UPA से नहीं बल्कि I.N.D.I.A से होगा।

वहीं बीजेपी भी इंडिया गठबंधन पर शुरू से हमलावर नजर आ रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इंडिया गठबंधन का लोकसभा चुनाव 2024 पर कितना असर पड़ता है। क्या इंडिया गठबंधन बीजेपी के विजयी रथ रोकने में कामयाब होगी या फिर तीसरी बार बीजेपी की बंपर जीत होगी।

क्या मोदी मैजिक अभी भी है कायम?

यह कहना गलत नही होगा कि मोदी मैजिक कई बार देखने को मिला है। वह चाहे 2019 का लोकसभा चुनाव हो या फिर किसी राज्य का विधानसभा चुनाव। कई विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव में कही ना कही मोदी मौजिक चलता है। अभी बता दें कि 17 राज्यों में बीजेपी और उसके सहयोगी दल की सरकार है।

विशेषज्ञ मोदी की नीतियों को भी एक बड़ा फैक्टर मानते है। इसके अलावा पीएम मोदी ने 2019 में अपने घोषणा पत्र में जो वादे किए थे कही ना कही उन्हें पूरा किया है। चाहे वह जम्मू कश्मीर में आर्टिकल-370 हटाना हो या फिर अयोध्या में राम मंदिर बनवाना, तीन तलाक से लेकर, सीएए कानून को लागू करना, भारत को वैश्विक स्तर पर एक अलग पहचान देना। हालांकि चुनाव का बिगुल बज चुका है, और सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। अब देखना होगा कि इस चुनावी रण में कौन बाजी मारता है और किसको शिकस्त हाथ लगती है।

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