Lok Sabha: पक्ष और विपक्ष, वो दो अहम पहलु हैं जो देश की आवाम के लिए नीति निर्माण में भूमिका निभाते हैं। सदन का शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) जारी है। इस बीच लोकसभा (Lok Sabha) व राज्यसभा में पक्ष, विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता संविधान पर चर्चा के दौरान लोकसभा, राज्यसभा में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इसी कड़ी में पीएम मोदी और राहुल गांधी के बाद आज वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण (Nirmala Sitharaman) और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयानों चर्चा जोरों पर है। निर्मला सीतरमण ने आज राज्यसभा में आपातकाल का जिक्र कर कांग्रेस पर निशाना साधा। वित्त मंत्री ने कहा कि “काले दिनों को याद कर अपने बच्चों का नाम MISA के नाम पर रखने वाले लोगों को कांग्रेस के साथ गठबंधन करने में कोई आपत्ति नहीं होगी।” मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी पलटवार किया है।
Lok Sabha से लेकर Rajya Sabha तक गहमा-गहमी!
लोकसभा से लेकर राज्यसभा तक आज गहमा-गहमी है। राज्यसभा में जहां वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान सुर्खियां बटोर रहा है। तो वहीं लोकसभा (Lok Sabha) में प्रियंका गांधी के संबोधन की चर्चा जोरों पर है। प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने वायनाड के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग की है।
Nirmala Sitharaman ने विपक्ष पर साधा निशाना
वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण (Nirmala Sitharaman) ने आज राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान विपक्ष पर जमकर निशाना साधा है। वित्त मंत्री ने कहा कि “मैं ऐसे राजनीतिक नेताओं को जानती हूं जिन्होंने उन काले दिनों (Emergency) को याद करने के लिए अपने बच्चों का नाम MISA के नाम पर रख। अब उन्हें उनके (Congress) साथ गठबंधन करने में कोई आपत्ति नहीं होगी।”
निर्मला सीतारमण ने दशकों पुराने वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि “मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी दोनों को 1949 में जेल में डाल दिया गया था। 1949 में मिल मजदूरों के लिए आयोजित एक बैठक के दौरान मजरूह सुल्तानपुरी ने एक कविता पढ़ी जो जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ लिखी गई थी और इसलिए उन्हें जेल जाना पड़ा। उन्होंने इसके लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया और उन्हें जेल में डाल दिया गया। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का कांग्रेस का रिकॉर्ड इन दो लोगों तक ही सीमित नहीं है। 1975 में माइकल एडवर्ड्स द्वारा लिखी गई एक राजनीतिक जीवनी “नेहरू” पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उन्होंने किस्सा कुर्सी का नामक फिल्म पर भी सिर्फ इसलिए प्रतिबंध लगा दिया क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे पर सवाल उठाया गया था।”
भारतीय संविधान का जिक्र करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि “द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 50 से अधिक देश स्वतंत्र हो गए थे और उन्होंने अपना संविधान लिख लिया था। लेकिन कई लोगों ने अपने संविधान को बदल दिया है, न केवल उनमें संशोधन किया है बल्कि वस्तुतः उनके संविधान की संपूर्ण विशेषता को बदल दिया है। लेकिन हमारा संविधान निश्चित रूप से समय की कसौटी पर खरा उतरा है और इसमें कई संशोधन हुए हैं।”
Congress अध्यक्ष Mallikarjun Kharge का करारा पलटवार
राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संविधान पर चर्चा के दौरान BJP पर करारा पलटवार किया है। मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि “हमारी बहादूर नेता इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर और बांग्लादेश को आजाद कराया। इस देश की शान पूरी दुनिया में फैली। वहां (बांग्लादेश में) जो गड़बड़ी चल रही है, कम से कम इन (बीजेपी) लोगों को अपनी आंखें खोलनी चाहिए और वहां के अल्पसंख्यकों को बचाने की कोशिश करनी चाहिए।”
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी (PM Modi) पर निशाना साधते हुए कहा कि “जो लोग देश के लिए नहीं लड़े, वे आजादी और संविधान का महत्व कैसे जानेंगे? प्रधानमंत्री हमें सिखा रहे थे और कहा कि हम झूठ बोलते हैं लेकिन प्रधानमंत्री झूठे हैं। कहा गया था कि 15 लाख रुपये आएंगे लेकिन कुछ नहीं आया। ये लोग देश को गुमराह कर रहे हैं और झूठ बोलकर लोगों को धोखा दे रहे हैं। प्रधानमंत्री को बताना चाहिए था कि उन्होंने संविधान को मजबूत करने के लिए पिछले 11 वर्षों में क्या किया है।”