Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। इसके साथ ही राज्य के तमाम राजनीतिक दलों के बीच प्रभुत्व की लड़ाई भी छिड़ गई है। महाराष्ट्र के सियासी समीकरण (Maharashtra Assembly Elections 2024) की बात करें तो अभी दो गठबंधन के बीच सत्ता के लिए लड़ाई है। इसमें महायुति (शिवसेना-एकनाथ शिंदे, NCP- अजीत पवार, BJP) और महा विकास अघाड़ी (शिवसेना- उद्धव ठाकरे, NCP- शरद पवार, Congress) जैसे दो प्रमुख गठबंधन हैं।
महायुति की बात करें तो ये गठबंधन पिछले दो वर्षों में सत्ता में काबिज था और आगामी चुनाव के लिए भी कमर कसते तैयार नजर आ रहा है। वहीं महायुति को चुनौती दे रही महा विकास अघाड़ी (MVA) से बगावती सुर झलकते नजर आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि एमवीए में शरद पवार (Sharad Pawar) ही शिवसेना (UBT) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की कांग्रेस के बीच मजबूत कड़ी हैं। अगर शरद पवार कमजोर पड़े या उन्होंने चुप्पी साधी तो इसका नकारात्मक असर MVA पर पड़ सकता है। ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या महायुति के सामने शरद पवार गठबंधन की डोर थामे रख पाएंगे?
Sharad Pawar हैं Shivsena, Congress के बीच अहम कड़ी!
शरद पवार महाराष्ट्र की राजनीति का बड़ा चेहरा हैं। 5 दशक से ज्यादा का राजनीतिक अनुभव और उम्र के लिहाज से वरिष्ठता उन्हें राजनीति के क्षेत्र में खास बनाता है। महाराष्ट्र के वर्तमान सियासी हालात (Maharashtra Assembly Elections 2024) की बात करें तो शरद पवार की एनसीपी, राहुल गांधी की कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ गठबंधन का हिस्सा है।
एनसीपी की बात करें तो अभी पार्टी की कमान शरद पवार (Sharad Pawar) के हाथों में ही है और ज्यादातार बड़े फैसले उन्हीं के द्वारा लिए जाते हैं। वहीं उद्धव गुट की शिवसेना की कमान पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे संभाल रहे हैं। कांग्रेस (Congress) की बात करें तो सीट शेयरिंग से लेकर अन्य सभी मामलों में ज्यादातर फैसले शीर्ष नेतृत्व के हाथों में ही है।
ऐसे में वरिष्ठता से लेकर अनुभव व समीकरण साधने जैसे मामलों में शरद पवार गठबंधन के सबसे शीर्ष नेता हैं। वो समय-समय पर कांग्रेस और उद्धव बालासाहेब गुट शिवसेना के बीच सामंजस्य बिठाते भी नजर आते हैं। यही वजह है कि उन्हें दोनों के बीच एक अहम कड़ी बताया जाता है।
Maharashtra Assembly Elections 2024- क्या थामे रख पाएंगे गठबंधन की डोर?
महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (MVA) के बीच गठबंधन की डोर अभी मजबूत नजर आ रही है। हालाकि सीट शेयरिंग और सीएम फेस को लेकर आंतरिक तनाव का दौर जारी है जो कि प्रत्यक्ष है। कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व से इतर प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole) और पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण जैसे नेता भी महाराष्ट्र में पार्टी के हित को देखते हुए फैसले लेते नजर आ रहे हैं। पृथ्वीराज चव्हाण ने तो यहां तक कह दिया है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कांग्रेस पार्टी से होगा। वहीं शिवसेना (उद्धव गुट) उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को मुख्यमंत्री पद का चेहरा मान रही है।
एनसीपी (शरद पवार) की बात करें तो पार्टी के कार्यकर्ता सुप्रिया सुले को लेकर आवाज उठा रहे हैं। हालाकि अभी एनसीपी की आवाज मुखरता से नहीं सामने आई है। ऐसे में एक ओर जहां महायुति अपने विकास कार्य और गठबंधन की मजबूती का हवाला देते हुए चुनावी मैदान में है तो वहीं महा विकास अघाड़ी में आंतरिक द्वंद का शुरू होने का दावा है। यही वजह है कि सवाल उठ रहे हैं कि क्या महायुति के सामने शरद पवार गठबंधन की डोर थामे रख पाएंगे?