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क्या Mahayuti पर मंडरा रहे संकट के बादल? Ajit Pawar, Eknath Shinde और Devendra Fadnavis समर्थकों के बीच क्यों छिड़ी CM की जंग?

Maharashtra Election Result 2024: बारामती में अजित पवार को भावी सीएम बताते हुए पोस्टर लगे हैं। इन पोस्टरों ने नए सवाल को जन्म दे दिया है। पूछा जा रहा है कि क्या Mahayuti गठबंधन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं? सीएम फेस को लेकर महायुति में रार क्यों ठनी है?

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Maharashtra Election Result 2024
फाइल फोटो- अजित पवार, देवेन्द्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे

Maharashtra Election Result 2024: शरद पवार का गढ़ माने जाने वाले पश्चिमी महाराष्ट्र में आज हलचल तेज है। हलचल का ये क्रम कोंकण से लेकर मुंबई और विदर्भ तक भी देखने को मिल रहा है। पर यहां चर्चा पश्चिमी महाराष्ट्र की हो रही है क्योंकि महायुति गठबंधन (Mahayuti Alliance) की अहम कड़ी अजित पवार (Ajit Pawar) राज्य के इसी हिस्से से आते हैं। शरद पवार का साथ छोड़ एनसीपी (एपी) की कमान संभाल रहे अजित पवार के समर्थक अति उत्तेजित नजर आ रहे हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 (Maharashtra Election Result 2024) के नतीजों की घोषणा से पहले ही बारामती में अजित पवार को भावी सीएम बताते हुए पोस्टर भी लगाया गया है। इसके बाद देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) समर्थकों ने नाराजगी जाहिर कर दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों से पहले Mahayuti पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं? ऐसे में आइए हम आपको सभी संभावनाओं और कयासबाजी के बारे में विस्तार से बताने की कोशिश करते हैं।

Maharashtra Election Result 2024- क्या Mahayuti पर मंडरा रहे संकट के बादल?

क्या महायुति पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं? ये सवाल महाराष्ट्र की सियासत के लिहाज से बेहद खास है। ऐसा इसलिए भी पूछा जा रहा है क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों (Maharashtra Election Result 2024) की घोषणा से पहले अजित पवार के समर्थकों ने बड़ा दावा किया है।

पश्चिमी महाराष्ट्र से आने एनसीपी (AP) नेता संतोष नांगारे का कहना है कि “अजीत दादा महाराष्ट्र के जन नेता हैं। उनका काम बोलता है। वे जो कहते हैं वो करते हैं। वे महाराष्ट्र के विकास के लिए बोलते हैं। इसलिए सभी कार्यकर्ता, एनसीपी के नेता और युवा उन्हें पसंद करते हैं। हमें लगता है कि इस बार उन्हें सीएम बनना चाहिए। इसलिए हमने यह बैनर लगाया है।”

एनसीपी नेता संतोष नांगारे ने एक बैनकर लगाकर अजित पवार को महाराष्ट्र के भावी मुख्यमंत्री के रुप में दर्शाया है। हालांकि प्रशासनिक दखल के बाद एनसीपी नेता के इस पोस्टर को बटा दिया है।

यहां सवाल बैनर पोस्टर का नहीं बल्कि एनसीपी के रुख का है। यदि आगामी कल (23 नवंबर) होने वाली मतगणना में महायुति को बहुमत मिलती है तो आगे क्या होगा? क्या सीएम फेस के लिए आंतरिक कलह का नया दौर शुरू होगा? अजित पवार (Ajit Pawar) आगे क्या रुख अपनाएंगे? इस तरह के तमाम उभरते हुए सवालों के कारण ही महायुति पर संकट के बादल मंडराने के आसार जताए जा रहे हैं।

Ajit Pawar, Eknath Shinde और Devendra Fadnavis समर्थकों के बीच क्यों छिड़ी CM की जंग?

महायुति में तीन ऐसे नेता हैं जो मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदार हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि यदि महायुति गठबंधन को सत्ता मिलती है तो सीएम की कुर्सी किसे मिलेगी? क्या डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस या अजित पवार को जिम्मेदारी मिलेगी? या एकनाथ शिंदे फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होंगे? इन तमाम संभावित सवालों के बीच देवेन्द्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार समर्थकों में सीएम फेस को लेकर जंग छिड़ी है।

सियासी घमासान को बल इसलिए भी मिल रहा है क्योंकि देवेन्द्र फडणवीस पूर्व में 2014-19 तक महाराष्ट्र के सीएम रहे हैं। इसके बाद 2019 में भी उन्होंने अजित पवार के समर्थन से सीएम पद की शपथ ली थी। हालांकि, महज 80 घंटे के भीतर ही उनकी सरकार गिर गई थी और राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में नई सरकार बनी थी। यही वजह है कि देवेन्द्र फडणवीस समर्थकों के बीच एक अलग कसक है और वे एक बार फिर उन्हें मालाबार हिल्स मुंबई में स्थित ‘वर्षा’ बंग्ला में देखना चाहते हैं जो कि सीएम का राजकीय आवास है।

एकनाथ शिंदे की बात करें तो उन्होंने जुलाई 2022 से लगातार महाराष्ट्र सरकार का नेतृत्व किया है। उनकी छवि स्वच्छ रही है और लोग उन्हें जनसुलभ बताते हैं। उनकी लोकप्रियता उन्हें खास बना रही है और यही वजह है शिंदे समर्थक देवेन्द्र फडणवीस या अजित पवार की बजाय उन्हें फिर सीएम के रूप में देखना चाहते हैं।

अजित पवार 4 बार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के रूप में अपनी सेवा दे चुके हैं। ऐसे में उनका और उनके समर्थकों का अगला कदम मुख्यमंत्री पद है। वे कई दफा सार्वजनिक मंच से अपनी महत्वकांक्षा का जिक्र भी कर चुके हैं। महायुति के तीनों नेताओं की वरिष्ठता को देखते हुए ही सीएम फेज को लेकर घमासान छिड़ा है और एक-दूसरे के समर्थकों के बीच रार ठनी है।

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