Maharashtra Elections 2024: “एक राज्य के मुख्यमंत्री महाराष्ट्र आते हैं और कहते हैं ‘बटेंगे तो कटेंगे।’ हमने कहा ऐसे नारे यहां नहीं चलेंगे क्योंकि महाराष्ट्र अंबेडकर के सिद्धांतों पर काम करता है।” ऐसा कहना है एनसीपी (AP) चीफ महायुति का अभिन्न अंग माने जाने वाले अजित पवार (Ajit Pawar) का। ‘बटेंगे तो कटेंगे‘ नारे पर महाराष्ट्र (Maharashtra) में सियासी पारा तेजी से चढ़ता नजर आ रहा है।
टिप्पणीकारों की मानें तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Elections 2024) से पहले इस स्लोगन पर महायुति गठबंधन (Mahayuti Alliance) खुद बंटती नजर आ रही है। कभी अजित पवार, कभी पंकजा मुंडे तो कभी बीजेपी नेता अशोक चव्हाण (Ashok Chavan) खुल कर इस नारे की मुखालफत करते नजर आ रहे हैं। सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या महायुति गठबंधन में सब कुछ ठीक है? क्या यूपी से निकला ‘बटेंगें तो कटेंगे’ नारा महाराष्ट्र के लिए गेमचेंजर साबित होगा? ऐसे में आइए हम आपको सभी सवालों का जवाब देने की कोशिश करते हैं।
Maharashtra Elections 2024- ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर Ajit Pawar का सख्त रुख
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) द्वारा दिए ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे की आलोचना खुद बीजेपी और उनके सहयोगी दलों के नेता कर रहे हैं। ताजा वाकया अजित पवार (Ajit Pawar) से जुड़ा है। अजित पवार ने स्मिता प्रकाश के साथ एक पॉडकास्ट के दौरान ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे की भर-भरकर आलोचना की। इससे ये स्पष्ट नजर आ रहा है कि इस नारे पर महायुति गठबंधन खुद बंट गया है।
अजित पवार का कहना है कि ”हम सभी ने इसका विरोध किया है। किसी ने मुझे बताया कि बीजेपी (BJP) की पंकजा मुंडे ने भी इस नारे का विरोध किया है। एक राज्य के मुख्यमंत्री यहां आते हैं और कहते हैं ‘बटेंगे तो कटेंगे।’ हमने कहा कि ऐसे नारे यहां नहीं चलेंगे क्योंकि महाराष्ट्र अंबेडकर के सिद्धांतों पर काम करता है। मुझे नहीं पता कि इस पर देवेंद्र जी का क्या जवाब है लेकिन हमें ‘कटेंगे, बटेंगे’ बिल्कुल पसंद नहीं है।”
Ashok Chavan और Pankaja Munde भी जता चुके हैं आपत्ति
‘बटेंगे तो कटेंगें’ नारे की मुखालफत महाराष्ट्र में तेजी से की जा रही है। पूर्व सीएम और बीजेपी के नेता अशोक चव्हाण (Ashok Chavan) ने भी बीते दिन इस नारे पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि “इसकी कोई प्रासंगिकता नहीं है। यह नारा सही भी नहीं है और मुझे नहीं लगता कि लोग भी इसे पसंद करेंगे। व्यक्तिगत रूप से कहूं तो मैं ऐसे नारों के पक्ष में नहीं हूं।”
बीजेपी एमएलसी पंकजा मुंडे (Pankaja Munde) ने भी ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे की जमकर मुखालफत की थी। उन्होंने कहा था कि “हमें विकास पर काम करना चाहिए। एक नेता का काम इस भूमि पर प्रत्येक जीवित व्यक्ति को अपना बनाना है। इसलिए, हमें महाराष्ट्र में ऐसा कोई विषय लाने की आवश्यकता नहीं है।”
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पर कहां फंस रहा मामला?
महायुति में ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे के अलावा मुख्यमंत्री के चेहरे पर भी मामला फंसता नजर आ रहा है। अजित पवार और देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने पहले स्पष्ट कर दिया है कि मुख्यमंत्री का चेहरा परिणाम आने के बाद चुना जाएगा। दूसरी तरफ शिवसेना (शिंदे गुट) एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को फिर से सीएम पद का चेहरा मान रही है। एनसीपी की ओर से अजित पवार तो बीजेपी के आम कार्यकर्ता देवेन्द्र फडणवीस की दावेदारी पर बात कर रहे हैं। ऐसे में इस गंभीर मसले पर भी महायुति गठबंधन में तकरार होने की खबर है।