Friday, November 22, 2024
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क्या UP, बिहार के तर्ज पर Maharashtra में शुरू हुई जातिगत राजनीति? Raj Thackeray के आरोप पर Sharad Pawar का दो टूक

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Maharashtra Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ‘जातिगत राजनीति’ को लेकर एक अलग चर्चा छिड़ी है। महाराष्ट्र की क्षेत्रीय राजनीतिक दल महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने इसकी नींव रखी। दरअसल राज ठाकरे ने बीते दिनों चुनावी (Maharashtra Elections 2024) प्रचार-प्रसार के दौरान NCP चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) पर निशाना साधते हुए उन पर जातिगत राजनीति करने का आरोप लगाया।

राज ठाकरे द्वारा लगाए आरोप के बाद शरद पवार ने आज दिवाली पड़वा (Diwali Padwa) पर चुप्पी तोड़ी है। हालांकि, राज ठाकरे (Raj Thackeray) के आरोप और शरद पवार के जवाब देने के बाद एक नया सवाल उभर कर सामने आया है। चर्चा इस बात पर हो रही है क्या UP, बिहार के तर्ज पर महाराष्ट्र (Maharashtra) में भी जातिगत राजनीति शुरू हो गई है? ऐसे में आइए हम आपको इस ताजा घटनाक्रम के बारे में बताते हैं और साथ ही सभी राजनीतिक संभावनाओं पर चर्चा करते हैं।

Maharashtra Elections 2024- Raj Thackeray के आरोप पर Sharad Pawar का दो टूक

मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने बीते दिनों शरद पवार (Sharad Pawar) पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने एनसीपी (SP) चीफ पर जातिगत राजनीति करने का ठप्पा लगाया था। राज ठाकरे द्वारा दिए इस बयान के बाद शरद पवार की अहम प्रतिक्रिया सामने आई है। शरद पवार ने आज बारामती में दिवाली पड़वा (Diwali Padwa) के अवसर पर कहा कि “मुझे कोई उदाहरण दिखाइये कि मैंने जातिवादी राजनीति की है।”

शरद पवार ने राज ठाकरे (Raj Thackeray) पर इशारों-इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि “जिन्होंने जीवन में कुछ किया ही नहीं, बयान दिये, आलोचना की, टिप्पणियाँ कीं, उनके बयानों पर क्या टिप्पणी करें? अनदेखी करने के लिए महाराष्ट्र की जनता समझदार है|” शरद पवार ने अपने इस सधे हुए राजनीतिक बयान के बाद जमकर सुर्खियां बटोरी हैं।

क्या UP, बिहार के तर्ज पर Maharashtra में शुरू हुई जातिगत राजनीति?

राज ठाकरे (Raj Thackeray) द्वारा शरद पवार पर जातिगत राजनीति करने का आरोप लगाने के साथ ही महाराष्ट्र की सियासत में एक नई चर्चा हो रही है। पूछा जा रहा है कि क्या UP, बिहार के तर्ज पर महाराष्ट्र में जातिगत राजनीति शुरू है? बता दें कि उत्तर भारत के दो प्रमुख राज्य यूपी और बिहार जातिगत राजनीति को लेकर सदैव सुर्खियों में रहा है।

यूपी (UP) की बात करें तो यहां दशकों से जातिगत राजनीति के पुख्ता उदाहरण देखने को मिलते हैं। राजनीतिक पार्टियां भले ही सभी को एक साथ लेकर चलने और समीकरण साधने की बात करती हैं, लेकिन टिकट वितरण से लेकर अन्य पदों के बंटवारे तक में जातिगत समीकरण नजर आ ही जाती है।

बिहार की सियासत (Bihar Politics) में भी यही नियम लागू होता है। यहां भी टिकट वितरण से लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के संगठन आदि में पद हासिल करने के लिए जातिगत समीकरण में फिट बैठना अनिवार्य माना जाता है। राजनीतिक दलों की अपनी-अपनी विचारधारा है जिस पर तीव्रता से आगे चलकर वे समीकरण साधती नजर आती हैं।

यही वजह है कि राज ठाकरे द्वारा शरद पवार (Sharad Pawar) पर जातिगत राजनीति करने का आरोप लगाने के बाद इस चर्चा को बल मिला है और सवाल उठ रहे हैं कि क्या महाराष्ट्र (Maharashtra) में भी जातिगत राजनीति की शुरुआत हुई है?

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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