MP Politics: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने परोक्ष रूप से नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कल सीहोर दौरे पर हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस के संगठनात्मक रूप से एमपी में कमजोर होने का ठीकरा सिंधिया पर फोड़ते हुए स्वीकार किया कि राज्य में कांग्रेस की स्थिति ठीक नहीं है। कमलनाथ सरकार को गिराने में उनकी भूमिका में बताए गए कारणों को याद दिलाने के साथ ही उन्होंने एमपी के मुद्दों पर जनता से किए वादों पर उनकी चुप्पी पर सवाल उठाया।
जानें क्या है मामला
बता दें इस साल के अंत में एमपी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस फिर से 2018 की तरह एमपी की सत्ता को हासिल करना चाहती है। जिसके लिए कांग्रेस ने अपने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को पिछले चुनाव में उनकी सांगठनिक क्षमता की सफलता को देखते हुए इस बार भी 60 सीटों की कमान सौंपी है। इसी सिलसिले में पूर्व सीएम 4 जिलों उज्जैन, शाजापुर, अगारमालवा के साथ कल राज्य के सीहोर में थे। जहां उन्होंने माना कि राज्य में कांग्रेस का संगठन कमजोर है।
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दिग्विजय ने साधा सिंधिया पर निशाना
पूर्व सीएम ने बिना नाम लिए कमलनाथ सरकार गिराने का ठीकरा सिंधिया की बगावत पर फोड़ दिया। उन्होंने कहा कि लोग राज्य में सत्ता परिवर्तन चाहते हैं, इसीलिए 2018 में किया था लेकिन कुछ लोग बिक गए। उनमें भी जो राजा-महाराजा और जमींदार थे वो बिक गए लेकिन जो गरीब विधायक थे वो नहीं बिके।
सिंधिया को याद दिलाए वादे
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सिंधिया को याद दिलाते हुए कहा कि सिंधिया ने 2018 विधानसभा चुनाव से पहले किए वादे पूरे नहीं करने की बात कहकर पार्टी को छोड़ दिया था। तब उन्होंने राज्य की जनता के लिँए सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी थी। जबकि सिंधिया ने स्वंय अपने गृह जिले ग्वालियर में कृषि ऋण माफी के प्रमाणपत्र बांटे थे। अब मैं पूछना चाहता हूं क्या किसानों के ऋण माफ किए गए ? स्कूल शिक्षकों की भर्ती से जुड़े मुद्दे हल हो गए? जबकि लाखों पद खाली पड़े हैं और बैकलॉग तक भी नहीं भरे गए। क्या अब सिंधिया अपनी ही सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने की हिम्मत दिखाएंगे।