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बड़ी खबर! मोदी कैबिनेट की One Nation One Election पर मुहर के बाद BJP का अपने सांसदो को बड़ा फरमान, 13, 14 दिसंबर को सदन में उपस्थिति अनिवार्य; जानें डिटेल

One Nation One Election: विपक्ष के लगातार विरोध के बाद मोदी कैबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन को मंजूरी दे दी है। वहीं अब इसे संसद में कवायद शुरू हो गई है।

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One Nation One Election
फाइल फोटो प्रतीकात्मक

One Nation One Election: One Nation One Election को मंजूरी मिलते ही विपक्ष ने भी दनादन सवाल दागने शुरू कर दिए है। सूत्रों के मुताबिक अगले 1 या दो दिनों के अंदर यह बिल संसद के दोनों सदनों में पेश हो सकता है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को 13 और 14 दिसंबर को को संसद में मौजूद रहने को लेकर एक आदेश जारी कर दिया है। हालांकि लगातर वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर कई विपक्षी नेताओं की प्रक्रिया सामने आनी शुरू हो गई है। वहीं अब देखना होगा कि सरकार इस बिल को संसद में कब पेश करती है और विपक्ष को शांत करने की क्या तैयारियां है।

One Nation One Election पर मोदी कैबिनेट की मुहर

कांग्रेस समते कई विपक्षी पार्टियों के कड़े विरोध के बीच One Nation One Election को मोजी कैबिनेट की तरफ से ग्रीन सिग्नल मिल गया है। हालांकि यह माना जा रहा था कि वन नेशन वन इलेक्शन को इस सत्र में राज्यसभा और लोकसभा में पेश किया जा सकता है।

सूत्रों के मुताबिक जल्द ही इसे संसद के दोनों सदनों में पेश किया जा सकता है। हालांकि इसे लेकर अभी तक तारीख का ऐलान नहीं किया गया है। वहीं अब देखना दिलचस्प होगा इस बिल पर संसद में विपक्ष का क्या रूख रहता है।

13, 14 दिसबंर बीजेपी के सभी सांसद संसद में रहें मौजूद

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार भाजपा ने अपने सभी सांसदों को 13 और 14 दिसंबर, 2024 को दोनों सदनों में चर्चा के लिए कुछ महत्वपूर्ण विधायी व्यवसाय के रूप में सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन व्हिप जारी किया है।

हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि आखिर किस लिए को सभी बीजेपी सासंदों को उपस्थित रहने के लिए कहा गया है।

One Nation One Election पर विपक्ष का क्या है रूख

केंद्रीय कैबिनेट द्वारा ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दिए जाने पर राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि “आज हमें बताया गया कि कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है लेकिन हममें से किसी ने भी अंतिम विवरण नहीं देखा है। क्या यह महिला आरक्षण विधेयक की ही राह पर जा रहा है? क्योंकि यह अदिनांकित बात है- परिसीमन के बाद। परिसीमन कब होगा? निश्चित नहीं।

जनगणना कब निर्धारित है? इसके बारे में कोई नहीं जानता। किससे पूछें? कुछ मूलभूत चिंताएँ बनी हुई हैं। हम अंतिम ब्योरे का इंतजार कर रहे है। अगर सरकार बीच में गिरती है तो क्या व्यवस्था होगी”।

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