One Nation One Election: देश के सियासत से एक जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। ताजा जानकारी के अनुसार ‘एक देश एक चुनाव’ प्रस्ताव को केन्द्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। दावा किया जा रहा है कि केन्द्र सरकार अब इसको लेकर शीतकालीन सत्र में बिल लाएगी। बता दें कि ‘एक देश एक चुनाव’ की मुखालफत पीएम मोदी समेत सत्तारुढ़ दल के कई नेता सार्वजनिक मंचों से कर चुके थे। ऐसे में ये स्पष्ट था कि जल्द ही इस पर कुछ बड़ा निर्णय देखने को मिल सकता है। (One Nation One Election)
केन्द्र सरकार का बड़ा निर्णय
पीएम मोदी के नेतृत्व में चल रही केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में आज बड़ा निर्णय लिए जाने की खबर है। जानकारी के मुताबिक केन्द्र सरकार ने ‘एक देश एक चुनाव’ प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी की ओर से एक देश एक चुनाव को लेकर एक रिपोर्ट केन्द्रीय कौबिनेट को सौंपी गई थी। ये रिपोर्ट 18626 पन्नों की थी जिसमें राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाकर 2029 तक करने का सुझाव दिया गया था ताकि लोकसभा चुनाव के साथ ही सभी चुनाव कराए जा सकें।
‘One Nation One Election’ का फायदा
‘एक देश एक चुनाव’ प्रस्ताव को पास कर केन्द्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। दावा किया जा रहा है कि इस कदम से बार-बार होने वाले चुनाव के दौरान करोड़ों के खर्च से बचा जा सकेगा। इसके अलावा फोकस अब चुनाव के बजाय देश के विकास पर होगा और बाधाओं से दूर हटकर विकास पथ पर तेजी से आगे बढ़ा जा सकेगा। पीएम मोदी खुद भी इसकी मुखालफत कर चुके हैं।
कैसे लागू होगा नियम?
केन्द्रीय कैबिनेट की ओर से ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। ऐसे में एक सवाल उठता है कि क्या इसे लागू करना आसान होगा। बता दें कि इसे लागू करने के लिए संविधान संशोधन करना पड़ेगा और फिर राज्यों की मंजूरी भी लेनी पड़ेगी। ऐसे में केन्द्र सरकार के लिए आगे की राह आसान नहीं नजर आ रही है।