One Nation One Election: वन नेशन वन इलेकश को मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। गौरतलब है कि इसे लेकर कई महीनों से चर्चा चल रही थी। अतत: इसी बिल को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। मोदी सरकार इस बिल को शीतकालीन सत्र में पेश होगी। वहीं अब विपक्ष इस मुद्दें पर केंद्र सरकार पर हमलावर नजर आ रही है। केरल के मुख्यमंत्री, असदुद्दीन औवेसी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई नेताओं ने इसका विरोध किया है। हालांकि बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इसका समर्थन किया है।
असदुद्दीन औवेसी ने क्या कहा?
वन नेशन वन इलेक्शन पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, “आप अपनी सुविधा के आधार पर काम नहीं कर सकते।
संविधान संवैधानिक सिद्धांतों के आधार पर काम करेगा। यह हमेशा से बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा रही है – वे ऐसा नहीं करते। हम चाहते हैं कि क्षेत्रीय पार्टियां अस्तित्व में रहें। हमने इसका विरोध किया है और हम ऐसा करना जारी रखेंगे”।
मल्लिकार्जुन खड़गे की प्रतिक्रिया आई सामने
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “One Nation, One Election केवल ध्यान भटकाने का भाजपाई मुद्दा है।
ये संविधान के ख़िलाफ़ है, ये लोकतंत्र के प्रतिकूल है, ये Federalism के विरूद्ध है। देश इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा”।
ये संघीय ढांचे की आत्मा को कुचलने की कोशिश
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि “मेरी पार्टी हमेशा कहती है कि इस देश में वन नेशन वन इलेक्शन था, 1962 के बाद यह व्यवस्था टूट गई क्योंकि एक पार्टी का प्रभुत्व खत्म हो गया और कई क्षेत्रीय पार्टियों ने राज्यों में सरकार बना ली,
अब अगर कोई सरकार गिर जाए तो आप क्या करेंगे ? क्या आप राष्ट्रपति शासन लाएंगे? क्या आप अगले चुनाव तक राज्यपाल के माध्यम से सरकार चलाएंगे? ये लोग बुनियादी मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सजावटी चीजों में माहिर हैं। ये संघीय ढांचे की आत्मा को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं, ये खत्म हो जाएंगे लेकिन यह विविधता बनी रहेगी।
मायावती ने किया समर्थन
आपको बता दें कि मायावती ने One Nation One Election का समर्थन करते हुए अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि
“एक देश, एक चुनाव’ की व्यवस्था के तहत् देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव को केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा आज दी गयी मंजूरी पर हमारी पार्टी का स्टैण्ड सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना ज़रूरी”।
केरल के सीएम की प्रतिक्रिया आई सामने
एक राष्ट्र, एक चुनाव पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि, ”एक राष्ट्र, एक चुनाव की अवधारणा एक छिपा हुआ एजेंडा है जिसका उद्देश्य भारत के संघीय ढांचे को कमजोर करना और केंद्र सरकार को पूर्ण शक्ति प्रदान करना है।
ऐसा लगता है कि भाजपा ने कोई सबक नहीं सीखा है। संघ परिवार भारत की चुनावी राजनीति को राष्ट्रपति प्रणाली की ओर ले जाने का गुप्त प्रयास कर रहा है। “एक राष्ट्र, एक चुनाव” का नारा भारतीय संसदीय लोकतंत्र की विविध प्रकृति को ख़त्म करने के लिए तैयार किया गया है। भारत में प्रत्येक राज्य की अपनी विशिष्ट परिस्थितियाँ और पृष्ठभूमि हैं”।