Rahul Gandhi: हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election 2024) के लिए प्रचार-प्रसार का दौर आज थम जाएगा। इस क्रम में सभी राजनीतिक दलों के शीर्ष नेता हरियाणा (Haryana) का भ्रमण कर अपनी पार्टी के समर्थन के लिए अपील कर रहे हैं। कांग्रेस (Congress) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी इसी क्रम में आज मेवात के नूंह (Nuh) जिले में पहुंचे।
हरियाणा का ये इलाका मुस्लिम बाहुल्य इलाका है जहां पिछले चुनाव में कांग्रेस का दबदबा रहा है। राहुल गांधी ने नूंह से ही पीएम मोदी (PM Modi) पर निशाना साधते हुए कहा कि “नरेंद्र मोदी अरबपतियों की सरकार चलाते हैं। वो अरबपतियों का कर्ज माफ कर देते हैं, लेकिन गरीबों और किसानों का कर्ज माफ नहीं करते।” ऐसे में आइए हम आपको राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान के साथ ही मेवात (Mewat) का सियासी समीकरण भी समझाने की कोशिश करते हैं।
Rahul Gandhi ने PM Modi पर साधा निशाना
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आज हरियाणा के नूंह जिले से पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने एक चुनावी जनसभा (Haryana Assembly Election 2024) को संबोधित करते हुए कहा कि “हरियाणा के युवाओं को अमेरिका में रोजगार मिल जाएगा, लेकिन यहां रोजगार नहीं मिल सकता है। नरेंद्र मोदी बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, मगर ये नहीं बताते हैं कि हरियाणा बेरोजगारी में पहले नंबर पर कैसे पहुंचा। नरेंद्र मोदी (PM Modi) अरबपतियों की सरकार चलाते हैं। वो अरबपतियों का कर्ज माफ कर देते हैं, लेकिन गरीबों और किसानों का कर्ज माफ नहीं करते।”
Rahul Gandhi ने BJP-RSS पर बोला करारा प्रहार
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने नूंह से ही चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए BJP-RSS पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि “BJP-RSS के लोग पूरे देश में नफरत फैलाते हैं। हमें मिलकर नफरत मिटानी है, क्योंकि हिंदुस्तान नफरत का नहीं, मोहब्बत का देश है। हम इस देश में नफरत को जीतने नहीं देंगे। यहां मोहब्बत, भाईचारा और एकता जीतेगी।”
राहुल गांधी ने इस दौरान कांग्रेस द्वारा किए गए 7 वादों का भी जिक्र किया और कहा कि यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो हम तत्काल प्रभाव से 7 वादों को लागू करने का काम करेंगे।
‘नूंह’ हिंसा को लेकर बनी थीं सुर्खियां
हरियाणा की सियासत में नूंह (Nuh) विधानसभा सीट का अहम स्थान रहा है। इसकी उपयोगिता इससे भी समझी जा सकती है कि आज तक इस सीट से कोई हिंदू या BJP का उम्मीदवार विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election 2024) नहीं जीत सका है। यहां ज्यादातर निर्दलियों और कांग्रेस का ही बोलबाला रहा है। नूंह की खासियत इसलिए भी है क्योंकि यहां पिछले वर्ष (2023) 31 जुलाई को सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी। दरअसल RSS और बजरंग दल की अगुवाई में 31 जुलाई को ब्रजमंडल (मेवात) जलाभिषेक यात्रा रखी गई थी।
जलाभिषेक यात्रा दोपहर में मेवात (Mewat) के फिरोजपुर झिरका इलाके में पहुंची। इस इलाके से कुछ ही दूर आगे बढ़ते ही यात्रा पर पथराव शुरू हो गया। इसके बाद तलावरें लहरनी शुरू हुईं और पुलिस ने मोर्चा संभाला। हालाकि ये सांप्रदायिक तनाव कई दिनों तक चला और इसमें 5 से ज्यादा लोगों की मौत होने की बात कही गई। वहीं दर्जनों की संख्या में लोग घायल हुए। नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर खूब सियासत हुई और राज्य की सत्तारुढ़ दल पर भी सवाल उठे। ऐसे में अब हिंसा के वर्ष भर बाद हो रहे चुनाव में नूंह का महत्व बढ़ गया है और लोगों की निगाहें इस सीट पर हैं।
मेवात का सियासी समीकरण
हरियाणा का मेवात इलाका सियासी दृष्टिकोण से बेहद अहम है। मेवात में कुल तीन विधानसभा सीटें आती हैं। इसमें नूंह, पुन्हाना और फिरोजपुर झिरका का नाम है। वर्तमान की बात करें तो अभी तीनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है और यहां के विधायक मुस्लिम हैं। कांग्रेस ने सधी चाल चलते हुए तीनों वर्तमान विधायकों को ही चुनावी मैदान में उतारा है।
BJP की बात करें तो पार्टी ने नूंह से मंत्री संजय सिंह, फिरोजपुर झिरका से नसीम अहमद और पुन्हाना सीट से एजाज खान को चुनावी मैदान में उतारा है। ऐसे में बीजेपी ने भी मेवात इलाकों की तीन मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर 2 मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारकर मास्टरस्ट्रोक खेलने की कोशिश की है। हालाकि देखना दिलचस्प होगा कि मेवात की जनता इस विधानसभा चुनाव में (Haryana Assembly Election 2024) अपना समर्थन किस पार्टी को देती है?
मेवात की राजनीतिक इतिहास
हरियाणा के मेवात (Mewat) इलाके का राजनीतिक इतिहास भी बेहद अहम है। 1967 के बाद विधानसभा सीट के रूप में प्रभाव में आने के बाद मेवात के तीन सीट (नूंह, पुन्हाना और फिरोजपुर झिरका) से आज तक न तो बीजेपी और न ही कोई हिंदू समुदाय का व्यक्ति विधायक बन सका है। इन सीटों पर कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) और निर्दलियों का ही दबदबा रहा है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या हरियाणा के इस विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election 2024) में मेवात का ट्रेंड टूटता है या मेवात का सियासी इतिहास बरकरार रहता है?