Rahul Gandhi: यूपी की दो सबसे लोकचर्चित सीट रायबरेली और अमेठी से कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। गौरतलब है कि रायबरेली सीट से राहुल गांधी चुनावी मैदान में उतरे है। अब इसी को लेकर बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर नजर आ रही है। बीजेपी अब सवाल पूछ रही है कि आखिरकार राहुल गांधी अमेठी से चुनाव क्यों नही लड़ रहे है। वहीं अब राहुल गांधी के रायबरेली सीट से चुनाव लड़ने पर सियासत गरमा गई है।
अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर साधा निशाना
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कभी राहुल गांधी कहते थे ‘डरो मत, डरो मत’, अब डर के कारण अमेठी से लेकर वायनाड और वायनाड से लेकर रायबरेली तक उनका डर हार के प्रति उन्हें हर जगह ले जा रहा है। एक तरफ रॉबर्ट वाद्रा भी टिकट मांग रहे थे और दूसरी तरफ पार्टी की मांग प्रियंका गांधी के लिए थी, हालांकि, पार्टी की सूची में उनका नाम नहीं होना दर्शाता है, कि कुछ तो चल रहा है कांग्रेस पार्टी के अंदर।
शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस को दिखाया आईना
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा उन्होंने कहा कि “डरो मत कहते-कहते Rahul Gandhi, अमेठी से लड़ो मत। यह कांग्रेस पार्टी का नया नारा बन गया है। राहुल गांधी ने पीएम मोदी के नेतृत्व में स्मृति ईरानी की तुलना में बहुत कुछ नहीं किया है। और सीएम योगी ने काम किया है। पहले अमेठी ने उन्हें खारिज कर दिया, और वे वायनाड चले गए, अब वायनाड ने उन्हें खारिज कर दिया और इसलिए वे रायबरेली आ गए”।
चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मसमर्पण
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि “इसका मतलब यह है कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन ने चुनाव से पहले ही आत्मसमर्पण कर दिया है। अमेठी से भागने का मतलब है कि आने वाले समय में कांग्रेस को रायबरेली से भी भागना पड़ेगा। रायबरेली में कमल खिलेगा। राहुल गांधी रायबरेली में अमेठी से भी ज्यादा वोटों से हारेंगे और कमल खिलेगा, साइकिल पंक्चर होगी और हाथ मुड़ जाएगा”।
यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने क्या कहा?
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की रायबरेली से उम्मीदवारी पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि, ‘रायबरेली और अमेठी में बीजेपी भारी अंतर से जीतने जा रही है। राहुल गांधी पहले अमेठी छोड़कर वायनाड गए थे, अब वह रायबरेली आ गए हैं। रायबरेली की जनता उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेगी। भाजपा प्रदेश की सभी 80 सीटें भारी बहुमत से जीतने जा रही है।