Rahul Gandhi Disqualified: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद की सदस्यता शुक्रवार को रदद् कर दी गई (Rahul Gandhi Disqualified) है। आज यानी शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय ने इस बात को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है। सचिवालय की ओर से कहा गया कि साल 2019 में मानहानि के मामले में सूरत सेशन कोर्ट की ओर से सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी अब संसद के सदस्य नहीं रहे।
क्या होगा राहुल गांधी का अगला कदम
नोटिफिकेशन जारी होने के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा का विषय बन गया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का अगला कदम क्या होगा। साथ ही यह भी चर्चा हो रही है कि अब किस रास्ते से राहुल गांधी इस मामले से बाहर आ सकते हैं। कानूनी विशेषज्ञों की मानें तो जब राहुल गांधी को दोषी ठहराया गया, उसके बाद ही कांग्रेस सांसद ऑटोमेटिकली अयोग्य हो गए थे। साथ ही उनका यह भी कहना है कि अगर वो इस सजा को पलटवाने में कामयाब हो जाते हैं तो इस कार्रवाई से रोका जा सकता है।
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क्या कहना है कपिल सिब्बल का? (Rahul Gandhi Disqualified)
NDTV के मुताबिक वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल का इस मामले को लेकर कहना है कि- ‘अगर अदालत केवल सजा को सस्पेंड करती है तो ये काफी नहीं होगा। निलंबन या कन्विक्शन पर स्टे होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी संसद के सदस्य के रूप में तभी बने रह सकते हैं जब कन्विक्शन पर स्टे हो।’ सिब्बल ने कहा कि अगर हाईकोर्ट फैसला रदद् नहीं करता है तो राहुल गांधी को अगल 8 सालों तक चुनाव लड़ने की परमिशन नहीं दी जाएगी।
क्या है कानून विशेषज्ञों की राय
कानून विशेषज्ञों की मानें तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी अब इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। इस मामले पर राहुल गांधी की टीम के मुताबिक, इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की तैयारी की जा रही है। अगर वहां सजा के निलंबन और आदेश पर रोक की अपील स्वीकार नहीं की जाती है तो वे सर्वोच्च न्यायालय का रुख करेंगे।
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ऐसे सस्पेंड हो सकती है अयोग्यता
इस मामले में एक और विशेषज्ञ का कहना है कि अगर किसी जन प्रतिनिधि को दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो वह अपने आप अयोग्य हो जाएगा। साथ ही अपील करने पर अगर सजा निलंबित होती है तो अयोग्यता भी अपने आप सस्पेंड हो जाएगी। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो सजा काटने के बाद अयोग्यता की अवधि 6 साल की होती है।