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जातिगत जनगणना को लेकर नेता प्रतिपक्ष Rahul Gandhi ने PM Modi पर साधा निशाना, कहा ‘जल्द ही 90% भारतीय जाति जनगणना का’.., जानें डिटेल

Rahul Gandhi: जाति जनगणना को लेकर एक बार फिर सियासत पूरी तरह से गरमा गई है। आरोप प्रत्यारोप के दौर भी जारी है।

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Rahul Gandhi
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Rahul Gandhi: जातिगत जनगणना को लेकर एक बार फिर सियासत पूरी तरह से गरमा गई है। आरोप प्रत्यारोप के दौर भी जारी है। इसी बीच राहुल गांधी के ट्वीट ने एक बार फिर हलचल मचा दी है। आपको बता दें कि राहुल गांधी ने इंडिया टुडे के सर्वे का हवाला देते हुए पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। मालूम हो कि बीते दिन यानि 24 अगस्त को राहुल गांधी जातीय जनगणना को लेकर एक पोस्ट किया था जिसके बाद कई बीजेपी नेताओं ने उनपर तंज कसा था। वहीं एक बार फिर राहुल गांधी ने ट्वीट कर जाति जनगणना का मुद्दा उठाया है।

Rahul Gandhi ने शेयर किया ट्वीट

आपको बता दें कि राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि “मोदी जी, अगर आप जाति जनगणना को रोकने के बारे में सोच रहे हैं, तो आप सपना देख रहे हैं – कोई शक्ति अब इसे रोक नहीं सकती!

हिंदुस्तान का order आ चुका है – जल्द ही 90% भारतीय जाति जनगणना का समर्थन और मांग करेंगे। Order अभी लागू कीजिए, या आप अगले प्रधानमंत्री को ये करते देखेंगे”।

अमित मालवीय ने किया ट्वीट

बीते दिन यानि 24 अगस्त को भी राहुल गांधी ने जातीय जनगणना को लेकर ट्वीट किया था जिसके बाद बीजेपी के कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी। वही भाजपा के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी प्रभारी अमित मालवीय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “एक भी SC, ST या OBC समाज का आदमी दिख रहा है?

कांग्रेस के लिए सामाजिक समरसता या संविधान की दुहाई देना मात्र वोट बटोरने की क़वायद है। दशकों तक OBC समाज को वंचित रखा, उसे बुद्धू कहा, दलितों पर अत्याचार किया, जनजातीय समाज की उपेक्षा की और मुसलमानों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया। बालक बुद्धि की राजनीति फ्रॉड है”।

जातिगत जनगणना की क्यों उठ रही है मांग?

बीते कई दिनों से जातिगत जनगणना की मांग उठ रही है। मालूम हो कि इसके समर्थन में कांग्रेस, जदयू, राजद, एनसीपी, द्रमुक और आम आदमी पार्टी समेत कई विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से जाति आधारित जनगणना कराने की मांग की है। वहीं अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जातिगत जनगणना की जरूरत क्यों पड़ रही है? जातिगत जनगणना का अर्थ है कि जनगणना की कवायद में भारत की जनसंख्या का जातिवार सारणीकरण शामिल करना। भारत ने केवल अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के – 1951 से 2011 तक – जातिगत आंकड़ों को गिना और प्रकाशित किया है। यह धर्मों, भाषाओं और सामाजिक-आर्थिक स्थिति से संबंधित डेटा भी प्रकाशित करता है। गौरतलब है कि इसी को लेकर राहुल गांधी लगातार इसके पक्ष में है।

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