Rahul Gandhi: राहुल गांधी अमेरिका (America) के दौरे पर हैं जहां उन्होंने बीते दिन जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों से संवाद करते हुए आरक्षण पर अहम टिप्पणी की है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने छात्रों से बात करते हुए कहा कि “भारत में कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी जब सही समय होगा, जो कि अभी नहीं है।”
भारत में आरक्षण को खत्म करने वाले सवाल पर की गई इस टिप्पणी पर राहुल गांधी बुरी तरह से फंसते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस नेता के इस बयान को लेकर यूपी की पूर्व सीएम व बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati), केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) व भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कई शीर्ष नेताओं पर उन पर निशाना साधा है।
Rahul Gandhi के बयान पर Amit Shah का पक्ष
राहुल गांधी द्वारा आरक्षण पर की गई टिप्पणी को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने करारा प्रहार बोला है। अमित शाह ने कहा है कि “देशविरोधी बातें करना और देश को तोड़ने वाली ताकतों के साथ खड़े होना राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी की आदत सी बन गई है। चाहे जम्मू-कश्मीर में JKNC के देशविरोधी और आरक्षण विरोधी एजेंडे का समर्थन करना हो, या फिर विदेशी मंचों पर भारत विरोधी बातें करनी हो, राहुल गाँधी ने देश की सुरक्षा और भावना को हमेशा आहत किया है। भाषा से भाषा, क्षेत्र से क्षेत्र और धर्म से धर्म में भेदभाव लाने की बात करना राहुल गाँधी की विभाजनकारी सोच को दर्शाता है।”
अमित शाह ने ये भी स्पष्ट किया है कि “राहुल गाँधी ने देश से आरक्षण को समाप्त करने की बात कह कर कांग्रेस का आरक्षण विरोधी चेहरा एक बार फिर से देश के सामने लाने का काम किया है। मन में पड़े विचार और सोच किसी न किसी माध्यम से बाहर आ ही जाते हैं। मैं राहुल गाँधी को बताना चाहता हूँ कि जब तक भाजपा है, आरक्षण को कोई छू भी नहीं सकता और देश की एकता के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता।”
पूर्व CM Mayawati का पक्ष
राहुल गांधी द्वारा आरक्षण पर दिए बयान और सफाई को लेकर पूर्व सीएम मायावती की ओर से भी अहम प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा है कि “कांग्रेस नेता श्री राहुल गांधी की अब यह सफाई कि वे आरक्षण के विरुद्ध नहीं हैं स्पष्टतः गुमराह करने वाली गलतबयानी। केन्द्र में बीजेपी से पहले इनकी 10 साल रही सरकार में उनकी सक्रियता में इन्होंने सपा के साथ मिलकर SC/ST का पदोन्नति में आरक्षण बिल पास नहीं होने दिया इसका यह प्रमाण। इससे स्पष्ट है कि जब कांग्रेस सत्ता में नहीं होती है तो इन उपेक्षित SC/ST/OBC वर्गों के वोट के स्वार्थ की खातिर इनके हित व कल्याण की बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन जब सत्ता में रहती है तो इनके हित के विरुद्ध लगातार कार्य करती है। ये लोग इनके इस षडयंत्र से सजग रहें।”
मायावती ने राहुल गांधी की ओर से जारी की गई सफाई को लेकर कहा है कि “इनके द्वारा देश में आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाने की बात भी छलावा, क्योंकि इस मामले में अगर इनकी नीयत साफ होती तो कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों में यह कार्य जरूर कर लिया गया होता। कांग्रेस ने न तो ओबीसी आरक्षण लागू किया और न ही SC/ST आरक्षण को सही से लागू किया।”
BJP नेताओं की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी द्वारा आरक्षण को खत्म करने को लेकर दिए बयान के बाद BJP के कुछ नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम व राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा है कि “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उनके बयान से सभी वर्ग आहत हैं, आप कहते कुछ हैं लेकिन करते कुछ और हैं। आप बीजेपी पर आरोप लगाते थे कि यह आरक्षण खत्म कर देंगे और संविधान खत्म कर देंगे। लेकिन आप खुद आरक्षण खत्म करने की बात कर रहे हैं। आपकी हताशा अब सामने आ गई है। आपके सैम अंकल (सैम पित्रोदा) आपको तरह-तरह की ट्रेनिंग दे रहे हैं लेकिन उनका प्रशिक्षण शिविर विफल हो गया है।”
राहुल गांधी के बयान को लेकर बीजेपी नेता नलिन कोहली का कहना है कि ”जब भी राहुल गांधी विदेश जाते हैं तो वह स्पष्ट संकेत देते हैं कि वह उन लोगों से मिलकर खुश हैं जो भारत के हितों के खिलाफ हैं। उन्हें उनके साथ खड़े देखा गया है जो ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग की मुखालफत करते हैं।”
Rahul Gandhi की सफाई
अमेरिका के जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों से संवाद करते हुए आरक्षण पर की गई टिप्पणी के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की सफाई सामने आई है। उनका कहना है कि “मेरे बयान को गलत तरीके से दिखाया गया है। कांग्रेस पार्टी आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से ज्यादा करेगी और मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं। हम तो सभी की भागीदारी के लिए राजनीति कर रहे हैं।”
राहुल गांधी ने कहा कि “हम आरक्षण को 50 प्रतिशत से आगे बढ़ाने जा रहे हैं और मैं बार-बार यह कहता हूं और मैं कभी भी आरक्षण के खिलाफ नहीं रहा हूं। कल किसी ने मेरे बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया कि मैं आरक्षण के खिलाफ हूं, लेकिन मैं यह स्पष्ट कर दूं कि मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं।”