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America में PM Modi पर Rahul Gandhi का करारा प्रहार, बोले- ‘पीएम का ईश्वर से सीधा संबंध होने का दावा इतिहास..’

Rahul Gandhi: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आज फिर एक बार America की धरती से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) पर करारा प्रहार बोला है।

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Rahul Gandhi
फाइल फोटो- Rahul Gandhi

Rahul Gandhi: नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अपने तीन दिवसीय अमेरिका (America) दौरे पर हैं जहां से वो लगातार मोदी सरकार पर हमलावर नजर आ रहे हैं। राहुल गांधी ने आज फिर एक बार वर्जीनिया के हर्नडन में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस से जुड़े लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी पर करारा प्रहार बोला है। उन्होंने पीएम मोदी (PM Modi) के एक पुराने बयान का जिक्र करते हुए कहा कि “मोदी जी का वह 56 इंच का सीना, ईश्वर से सीधा संबंध होने का दावा, वह सब अब इतिहास बन चुका है।” (Rahul Gandhi US Visit)

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इसके अलावा भारत में हुए लोकसभा चुनाव और चुनाव के बाद बने माहौल का भी जिक्र करते हुए कई अहम बातें कह डाली हैं। राहुल गांधी द्वारा पीएम मोदी को लेकर दिए गए तमाम बयानों को लेकर खूब सुर्खियां बन रही हैं और लोग जमकर इसकी चर्चा कर रहे हैं। ऐसे में आइए हम आपको इस पूरे प्रकरण के बारे में विस्तार से बताते हैं।

Rahul Gandhi ने PM Modi पर साधा निशाना

राहुल गांधी ने आज वर्जीनिया के हर्नडन में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस से जुड़े लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी (PM Modi) पर जमकर निशाना साधा है।

Rahul Gandhi ने कहा कि “भारत में चुनाव के बाद सब कुछ बदल गया है। कुछ लोगों ने कहा कि ‘अब डर नहीं लगता अब, डर निकल गया।’ यह मेरे लिए दिलचस्प है क्योंकि भाजपा ने डर ​​फैलाया और छोटे व्यवसायों पर एजेंसियों का दबाव डाला। हालाकि ये सब कुछ सेकंड के भीतर गायब हो गया जबकि इस डर को फैलाने में उन्हें कई साल लग गए। संसद में, मैं प्रधान मंत्री को सामने से देखता हूं और मैं आपको बता सकता हूं कि मोदी जी का विचार, 56 इंच का सीना और उनका ईश्वर से सीधा संबंध होने का दावा, यह सब अब इतिहास बन चुका है।”

जाति जनगणना को लेकर कही ये खास बात

राहुल गांधी ने जाति जनगणना को लेकर भी अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि “जाति जनगणना अब एक अजेय विचार है। यह महत्वपूर्ण प्रश्न है कि क्या हमारी 90% आबादी का भारत की संस्थागत संरचना- अर्थव्यवस्था, सरकार, शिक्षा में सार्थक प्रतिनिधित्व है? इसके मूल में, यह निष्पक्षता और न्याय का मुद्दा है। आर्थिक और संस्थागत सर्वेक्षण के साथ-साथ व्यापक जाति जनगणना से कम कुछ भी अस्वीकार्य है।”

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