Rahul Gandhi: हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आने के बाद से ही विपक्ष केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधने में लगा हुआ है। इसी बीच कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक वीडियो जारी कर इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। गौरतलब है कि राहुल गांधी के वीडियो के बाद एक बार फिर हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर सियासत गरमा गई है। गौरतलब है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोल रहे है।
Rahul Gandhi ने केंद्र ने केंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
आपको बता दें कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक वीडियो जारी कर केंद्र सरकार से कई सवाल पूछे है। वीडियो जारी कर उन्होंने कहा कि “छोटे खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले प्रतिभूति नियामक सेबी की अखंडता से इसके अध्यक्ष के खिलाफ आरोपों से गंभीर समझौता हुआ है। देश भर के ईमानदार निवेशकों के पास सरकार से महत्वपूर्ण प्रश्न हैं:
- सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया?
- यदि निवेशक अपनी गाढ़ी कमाई खो देते हैं, तो किसे जवाबदेह ठहराया जाएगा- पीएम मोदी, सेबी अध्यक्ष, या गौतम अडानी?
- सामने आए नए और बेहद गंभीर आरोपों के आलोक में क्या सुप्रीम कोर्ट एक बार फिर इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेगा?
अब यह बिल्कुल स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री मोदी जेपीसी जांच से इतने डरे हुए क्यों हैं और इससे क्या खुलासा हो सकता है।
हिंडनबर्ग ने सेबी के अध्यक्ष पर लगाए गंभीर आरोप
मालूम हो कि 10 अगस्त को, हिंडनबर्ग रिसर्च – अदानी समूह पर 2023 की रिपोर्ट के पीछे शॉर्ट सेलर ने एक नए नोट में आरोप लगाया कि सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच की अदानी मामले से जुड़ी ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बरमूडा और मॉरीशस में स्थित इन फंडों को कथित तौर पर गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी द्वारा नियंत्रित किया गया था, और इसका इस्तेमाल फंड में हेरफेर करने और स्टॉक की कीमतें बढ़ाने के लिए किया गया था। हालांकि अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति ने सभी आरोपों का खंडन किया है।