Rahul Gandhi: 18 लोकसभा का पहला सत्र चालू है। इसी बीच लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने भाषण से हटाई गई टिप्पणियों और अंशों को लेकर अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा। अनुरोध किया है कि टिप्पणियों को बहाल किया जाए। गौरतलब है कि बीते दिन यानि 1 जुलाई को अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी के ‘हिंदू’ बयान पर बवाल मच गया था। बीजेपी ने जमकर इसका विरोध किया था।
Rahul Gandhi ने स्पीकर ओम बिड़ला को लिखा पत्र
पत्र में लिखा है कि “यह देखकर स्तब्ध हूं कि जिस तरह से मेरे भाषण का काफी हिस्सा निष्कासन की आड़ में कार्यवाही से हटा दिया गया। मेरी सुविचारित टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटाना संसदीय लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। मैं 2 जुलाई की लोकसभा की असंशोधित बहस का प्रासंगिक हिस्सा संलग्न कर रहा हूं, मैं यह कहने के लिए बाध्य हूं कि हटाए गए हिस्से नियम 380 के दायरे में नहीं आते हैं, जो मैंने सदन में व्यक्त करना चाहा वह जमीनी हकीकत है, प्रत्येक सदस्य की तथ्यात्मक स्थिति है।
जो सदन उन लोगों की सामूहिक आवाज का प्रतिनिधित्व करता है, जिनका वह प्रतिनिधित्व करते है, उसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 105(1) में निहित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, सदन के पटल पर लोगों की चिंताओं को उठाना प्रत्येक सदस्य का अधिकार है। यह देश के लोगों के प्रति अपने दायित्व का पालन करने का वह अधिकार है जिसे कल रिकॉर्ड से हटा गया था। मैं अनुरोध करता हूं कि कार्यवाही से हटाई गई टिप्पणियों को बहाल किया जाए”।
इमरान मसूद ने राहुल गांधी का किया समर्थन
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भाषण पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद का कहा कि, ”राहुल गांधी ने कहा कि हिंदू कभी हिंसक नहीं हो सकता, वह कभी नफरत नहीं फैला सकता. हिंदुओं के नाम पर ऐसी बातें नहीं कही जानी चाहिए- राहुल गांधी ने कहा अगर आप इसे ऐसे ले रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप मुद्दों पर चर्चा से भागना चाहते हैं।
देश के युवा, छात्र, किसान, व्यापारी, महिलाएं चिंतित हैं। बीजेपी नेताओं द्वारा राहुल गांधी से माफी की मांग पर उन्होंने कहा, “किसलिए? क्या राहुल गांधी हिंदू नहीं हैं? वह भगवान शिव के उपासक हैं। उन्होंने हिंदू धर्म की शिक्षाओं के बारे में बात की।”