Rahul Narwekar: राजनीतिक स्थिरता के बावजूद महाराष्ट्र का सियासी पारा चढ़ता नजर आ रहा है। रिकॉर्ड जनादेश के साथ महाराष्ट्र की सत्ता में लौटी महायुति गठबंधन एक-एक कर अपने कदम आगे बढ़ा रही है। इसी कड़ी में बीजेपी नेता राहुल नार्वेकर (Rahul Narwekar) को एक बार फिर महाराष्ट्र विधानसभा की कमान सौंपी गई है। राहुल नार्वेकर, महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Legislative Assembly) के निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। राहुल नार्वेकर की जीत के बाद शिवसेना (यूबीटी) नेता और वर्ली से विधायक आदित्य ठाकरे का एक बयान सुर्खियों में है। शिवसेना (यूबीटी) ने विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार कर ‘बॉयकाट पॉलिटिक्स’ को रफ्तार दे दी है। शिवसेना ने राहुल नार्वेकर के पिछले कार्यकाल का जिक्र कर कई अहम पहलुओं को मीडिया के समक्ष रखा है।
Rahul Narwekar के अध्यक्ष निर्वाचित होने पर शिवसेना की बॉयकाट पॉलिटिक्स!
शिवसेना (यूबीटी) ने आज महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) की कार्यवाही का बहिष्कार किया है। विधायक आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) का कहना है कि “शिवसेना (यूबीटी) ने दो चीजों की वजह से आज की कार्यवाही का बहिष्कार किया। पहला, हमने रीति-रिवाज और परंपरा का सम्मान करते हुए कल स्पीकर के चुनाव को निर्विरोध कर दिया था। लेकिन अब जो नाम (राहुल नार्वेकर) सामने आया है, उसने पिछले 2.5 साल में विभाजन की राजनीति की। हमें गारंटी चाहिए कि वह अन्याय दोबारा नहीं होगा। आज लोगों में कोई जश्न नहीं, क्योंकि सरकार ईवीएम की सरकार है। लेकिन मराठी लोगों के साथ अन्याय हो रहा है।”
शिवसेना ने शपथ ग्रहण सत्र का किया था बहिष्कार!
गौरतलब है कि शिवसेना की ‘बॉयकाट पॉलिटिक्स’ चुनावी परिणाम आने के साथ शुरू हो गई। शिवसेना ने पहले चुनावी नतीजों को मानने से इंकार किया। इसके बाद विधायकों के लिए आयोजित ‘शपथ ग्रहण’ सत्र का भी बहिष्कार किया। आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) ने बीते शनिवार को स्पष्ट किया था कि शिवसेना (Shiv Sena) के विधायक, शपथ ग्रहण समारोह का हिस्सा नहीं बनेंगे। इसके पीछे चुनावी नतीजों की असंतुष्टता को प्रमुख कारण बताया गया था। शिवसेना के साथ कांग्रेस भी कदम से कदम मिलाकर चल रही है और बॉयकाट पॉलिटिक्स को समर्थन दे रही है।