Rajasthan Politics: राजस्थान कांग्रेस की अंदरूनी कलह का क्या अंत होगा निश्चित नहीं। कल से जयपुर में शुरू हुए कांग्रेस के वन-टू-वन कार्यक्रम में पहले दिन जोधपुर तथा अजमेर संभाग के जनप्रतिनिधि विधायकों के साथ बैठक हुई। लेकिन इस बैठक में टोंक से विधायक और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट नहीं पहुंचे। बता दें 17-20 अप्रैल 2023 तक कांग्रेस वन-टू-वन प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों से फीडबैक के माध्यम से जनता का मूड जानने की कोशिश कर रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि आज की बैठक में पायलट शामिल हो सकते हैं।
तय कार्यक्रम में नहीं पहुंचे पायलट
राजस्थान कांग्रेस ने सोमवार से शुरू हुई अपनी वन-टू-वन बैठक में 10 जिलों के विधायकों, समर्थक विधायकों तथा निर्दलीयों को बुलाया था। इस बैठक में सीएम अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा तथा प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने फीडबैक लिया। लेकिन तय कार्यक्रम के मुताबिक इस बैठक में टोंक से विधायक पायलट को भी आना था, जो नहीं पहुंचे। उनके न पहुंचने पर पार्टी अध्यक्ष डोटासरा ने कहा कि चूंकि पायलट विधायक हैं इसलिए उनको भी इस बैठक के लिए बुलावा भेजा गया था।
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पायलट पहुंचे झुंझनूं
इधर पूर्व डिप्टी सीएम पायलट अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक झुंझनूं के खेतड़ी और शाहपुरा के दौरे पर निकल गए। जहां उन्होंने शहीद श्योराम की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए पायलट ने कहा कि “जनता से किए वादे अब तक पूरे नहीं हुए हैं, चुनाव के वक्त किस मुंह से वोट मांगेंगे।” उन्होंने कहा कि पिछली बीजेपी की सरकार में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी मैंने एक दिवसीय अनशन किया था। लेकिन सरकार ने चार साल बीतने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया। यह सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करती है। जिसके बाद मैंने सरकार को इस बारे में पत्र लिखना चालू किया था।
रंधावा बोले-मैं ही सुलझाऊंगा
बता दें पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के जयपुर में किए गए अनशन के बाद की परिस्थितियों में कांग्रेस हाईकमान के द्वारा किसी बड़े एक्शन की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन कहा जाता है कि एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ के दखल से दिल्ली से कुछ नरमी देखी गई। इस पर पूछे जाने पर प्रदेश प्रभारी रंधावा ने कमलनाथ के दखल से इंकार करते हुए कहा कि मैं प्रभारी हूं तो समाधान भी मैं ही निकालूंगा।
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