CM Neiphiu Rio: राजनीति में कहा जाता है कि कब कौन दोस्त बन जाए और कब कोई दुश्मन बनकर पार्टी छोड़ दे किसी को नहीं पता होता है। ऐसे ही दोस्ती और दुश्मनी का एक नजारा नागालैंड से देखने को मिल रहा हैं। जहां राष्ट्रवादी कांग्रेस ने भाजपा की सहयोगी दल नेफ्यू रियो की पार्टी को समर्थन दिया है। ऐसे में अब नागालैंड में विपक्ष के रूप में कोई पार्टी ही नहीं बची है। पिछले महीने हुए चुनाव में बीजेपी ने यहां 60 सीटों में से 12 सीटें जीती थी जबकि नेफ्यू रियो की पार्टी ने 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी। ऐसे में दोनों पार्टियों ने मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। वहीं नेफ्यू रियो को पांचवीं बार नागालैंड का सीएम बनाया गया है। वहीं अब शरद पवार के समर्थन देने के बाद से नागालैंड की राजनीति में भूचाल सा आ गया है।
कई राजनीतिक पार्टियों ने दर्ज की है जीत
नागालैंड के चुनाव में ये पहली बार है जब कोई पार्टियों ने एक साथ जीत हासिल की है। नागालैंड के चुनाव में लोजपा और आरपीआई ने भी यहां के विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की है। अभी तक राकपा ही ऐसी पार्टी है जिसने 7 सीटों पर जीत दर्ज कर विपक्ष के रूप में बैठी हुई है। वहीं शरद पवार ने भी ये इच्छा जताई है कि नागालैंड में हम बीजेपी और एनडीपीपी को पूर्ण रूप से समर्थन देना चाहते हैं।
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महाराष्ट्र में पड़ेगा शरद पवार के समर्थन का असर
नागालैंड के सीएम नेफ्यू रियो को शरद पवार के समर्थन देने के बाद ये माना जा रहा है कि इसका असर महाराष्ट्र के चुनाव में देखने को मिल सकता है। एनसीपी पहले ही कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन में है। एनसीपी ने राज्य में 7 सीटों पर जीत हासिल की है वहीं माना जा रहा है कि राज्य के विकास के लिए एनसीपी ने अपना समर्थन देने का फैसला लिया है।
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