Sonia Gandhi: संसद का विशेष सत्र (Special Session of Parliament) बुलाए जाने को लेकर कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने बुधवार (6 सितंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। PM Modi ने लिखे इस पत्र में उन्होंने संसद के आगामी विशेष सत्र के लिए सरकार के एजेंडे का विवरण मांगा है। पत्र में उन्होंने इस बात पर भी आपत्ति जताई है की सरकार ने विपक्ष से चर्चा किए बिना ही सत्र बुलाने का निर्णय ले लिया, जो गलत है।
‘विपक्ष को नहीं एजेंडे की कोई जानकारी’
PM को लिखे अपने पत्र में सोनिया गांधी ने लिखा, “आपने 18 सितंबर, 2023 से शुरू होने वाले संसद का एक विशेष पांच दिवसीय सत्र बुलाया है। मुझे यह बताया जाए कि यह विशेष सत्र अन्य राजनीतिक दलों के साथ किसी भी परामर्श के बिना कैसे बुलाया गया ? हममें से किसी को भी इसके एजेंडे के बारे में कोई जानकारी नहीं है। विपक्ष को जो एकमात्र जानकारी मिली है वह यह है कि “सरकारी कामकाज” के लिए पांच दिन आवंटित किए गए हैं।”
‘बहस में विपक्ष को दिया जाए उचित समय’
सोनिया गांधी ने आगे लिखा, “हम निश्चित रूप से विशेष सत्र में भाग लेना चाहते हैं क्योंकि इससे हमें सार्वजनिक चिंता और महत्व के मामलों को उठाने का मौका मिलेगा। मुझे पूरी उम्मीद है कि इन मुद्दों पर चर्चा और बहस के लिए उचित नियमों के तहत समय आवंटित किया जाएगा।” पत्र में सोनिया गांधी ने मणिपुर हिंसा, अदानी विवाद और जाति जनगणना से लेकर कई महत्वपूर्ण मामलों को पत्र में सूचीबद्ध किया है। कई मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए, गांधी ने लिखा, “मुझे पूरी उम्मीद है कि रचनात्मक सहयोग की भावना से इन मुद्दों को आगामी विशेष सत्र में उठाया जाएगा।”
विपक्ष ने इन मुद्दों पर की चर्चा की मांग
पत्र में सोनिया गांधी ने मौजूदा आर्थिक स्थिति (मंहगाई, बेरोजगारी, एमएसएमई उद्योग की परेशानी), किसानों की MSP की मांग, अडानी मामले पर JCP, जातीय जनगणना, संघीय ढांचे पर हमला, कई राज्यो में आई प्राकृतिक आपदा, भारत में चीन की घुसपैठ और सीमा विवाद, हाल ही में हुई नूंह हिंसा और मणिपुर जैसे मामलों पर चर्चा की मांग उठाई है।
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