Turkiye Election 2023: तुर्की में इस समय नए राष्ट्रपति को चुने जाने को लेकर चुनाव चल रहा है। पहली बार की वोटिंग में कोई नतीजा न निकलते देख दूसरी राउंड की वोटिंग करानी पड़ रही है । बता दें इससे पहले 14 मई को हुई पहले चरण की वोटिंग में किसी भी उम्मीदवार ने 50 फीसदी का आंकड़ा नहीं छुआ। जिसके कारण तुर्की के संविधान में रन ऑफ वोटिंग कराने का नियम है। पहले चरण की वोटिंग में राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdoğan)में अपने प्रतिद्वंद्वी कमाल केलिकदारोगलु से सिर्फ 5 फीसदी वोट के अंतर पर है।
जानें कल क्यों होगी दोबारा वोटिंग
बता दें 14 मई की वोटिंग में केलिकदारोगलु की कड़ी टक्कर ने एर्दोगन को 50 फीसदी के जादुई आंकड़े तक नहीं पहुंचने दिया। जिसकी वजह से वैकल्पिक रन ऑफ वोटिंग कराना तुर्की के नियम में है। बता दें रेसेप तैयप एर्दोगन को पहले चरण में 49.5 फीसदी मत मिले थे , जबकि केलिकदारोगलु ने 44.9 फीसदी मत पाकर कड़ीं टक्कर दी थी। मालूम हो कि केलिकदारोगलु को 6 अन्य विपक्षी दलों ने समर्थन दे दिया है। यदि केलिकदारोगलु एर्दोगन को हराकर जीत जाते हैं तो तुर्की की राजनीति में 2 दशकों का बड़ा बदलाव होगा।
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बदलाव की संभावना अधिक
माना जा रहा है कि तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के प्रति तुर्की की जनता के बीच लोकप्रियता में गिरावट आ रही है। विशेषकर पिछले कोविडकाल के बाद तुर्की की अर्थव्यवस्था पर गहरा संकट है। दूसरी ओर एर्दोगन की नीतियों ने देश को मंहगाई में धकेल दिया है। रही सही कसर तुर्की की मुद्रा लीरा में भी तेज गिरावट आ चुकी हैं। इसके बाद चुनावों से ठीक पहले आए विनाशकारी भूकंप ने तुर्की की जनता को गहरी मुसीबत में डाल दिया। इससे तुर्की की जनता में एर्दोगन को लेकर आक्रोश बढ़ रहा है। जो बदलाव कारण बन सकता है।
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