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Udhayanidhi Stalin: सनातन धर्म को लेकर उदयनिधि स्टालिन का फिर विवादित बयान, जानें अब क्‍यों लिए राष्‍ट्रपति और द्रविड़ आंदोलन की आड़?

Udhayanidhi Stalin: डीएमके नेता ने नई संसद सत्र के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ना बुलाने की वजह से निशाना साध रहे हैं। वह सनातन के खिलाफ कुछ ऐसा बोल गए जो सोशल मीडिया पर चर्चा में है। उन्होंने कहा कि यह सरासर सनातन धर्म का अपमान है और इसे नष्ट करने की कोशिश की जा रही है।

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Udhayanidhi Stalin

Udhayanidhi Stalin: डीएमके नेता और मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने एक बार फिर विवादित बयान देकर चर्चा में आ गए हैं। मदुरै में एक कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान उन्होंने यह बयान दिया है। इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को निशाने पर लिया। स्टालिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को कुछ महीने पहले नए संसद भवन के उद्घाटन में आमंत्रित ना करने और न ही उन्हें वर्तमान में 5 दिन तक चल रहे विशेष सत्र में ना बुलाने पर सवाल किया है। उनका कहना है किआज महिला आरक्षण विधेयक पारित किया गया और ऐसे में उन्होंने सनातन को लेकर कुछ ऐसा कह गए जिसकी वजह से उनकी आलोचना हो रही है।

आदिवासी और विधवा होने की वजह से राष्ट्रपति को कार्यक्रम में नहीं मिला निमंत्रण

कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “द्रौपदी मुर्मू हमारे देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति हैं और उन्हें नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित ही नहीं किया गया था। ऐसे में क्या इसे हम सनातन कहते हैं। हम इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाना जारी रखेंगे। राष्टृपति की आदिवासी बेकग्राउंड और विधवा होने की वजह से उन्हें कार्यक्रम में नहीं निमंत्रण मिला।” डीएमके नेता इतने पर ही नहीं रुके और उन्होंने कहा कि नया संसद भवन करीब 800 करोड़ रुपये की लागत से तैयार ही थी। यह भारतवासियों के लिए एक यादगार परियोजना थी और ऐसे में उन्हें खास मौके पर ना बुलाना निश्चित तौर पर बहुत बड़ी बात है।

इंडिया गठबंधन पर भी साधा निशाना

डीएमके नेता ने कहा कि जब महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पेश किया गया तो हिंदी अभिनेत्री को आमंत्रित किया गया लेकिन व्यक्तिगत परिस्थितियों के चलते राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को इस कार्यक्रम में जगह नहीं दी गई और यह सरासर उनका अपमान है। देश के राष्ट्रपति होने के नाते उन्हें इस कार्यक्रम में होना जरूरी था और उन्हें निमंत्रण देना चाहिए था। इंडिया गठबंधन पर सवाल उठाते हुए टीम के नेता ने कहा कि “मुझे उन पुजारी से खतरा नहीं जो मेरी मौत का आह्वान करते हैं और मेरे सिर की कीमत लगा रहे हैं।”

अन्नादुराई को लेकर कहीं ये बात

इस दौरान उदयनिधि अन्नाद्रमुक से पूछा कि “क्या उनमें वही बातें कहने का साहस है जो उनकी पार्टी के संस्थापक सीएन अन्नादुरई ने कहा था। उदयनिधि उन विचारों का समर्थन करते हैं जिन पर अन्नादुराई विश्वास करते थे और सोचते हैं कि अन्नाद्रमुक ऐसा नहीं करती। गौरतलब है कि मुख्य विपक्षी दल भी अन्नादुरई को अपने राजनीतिक गुरु के रूप में देखता है। उन्होंने अन्नाद्रमुक नेता सेल्लूर राजू से पूछा कि क्या वह इतने बहादुर हैं कि सनातन के बारे में अन्नादुराई जैसी ही मान्यताओं को दोहरा सकें।

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