जानें क्या है पूरा मामला
मेरठ नगर निगम की सीट पर दो-दो दावेदारों ने अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। इस सीट को लेकर सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान और विधायक रफीक अंसारी के आमने-सामने आने से पार्टी का मुद्दा लखनऊ हाई कमान तक पहुंच गया है।पार्टी ही के दो विधायकों के बीच चल रही इस नूरा कुश्ती ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए सुलझाने की चुनौती खड़ी कर दी है। विधायक अतुल प्रधान ने अपनी पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा प्रधान के लिए टिकट मांगा है। तो विधायक रफीक अंसारी अपनी पत्नी खुर्शीदा अंसारी के लिए पार्टी प्रबंधन पर दबाव बढ़ाए हुए हैं। इस टकराव को बढ़ता देख पार्टी की महापौर प्रत्याशी चयन समिति को मेरठ आना पड़ा है।
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मायावती ने किया अखिलेश का समर्थन
बता दें निकाय चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सपा ने तुरंत निर्वाचन आयोग से इन चुनावों को EVM की जगह मतपत्रों से कराने की मांग कर दी थी। आज सोमवार 10 अप्रैल को BSP सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी की इस मांग का समर्थन कर राजनीतिक विश्लेषकों को चोंका दिया। उन्होंने मीडिया से कहा “BSP चुनाव का स्वागत करती है। लेकिन BJP ईवीएम से चुनाव नहीं कराकर बैलट पेपर से चुनाव कराए। हम इसके लिए सरकार से पुरजोर अपील करते हैं। इस चुनाव में BSP पूरी तैयारी के साथ लड़ेगी। BSP हमेशा दलितों, पिछड़ो और अल्पसंख्यकों के हितों का खयाल रखती है।”
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