Nirahua: लोकसभा चुनावों के परिणामों ने सभी को चौंका दिया है। अभी तक आए रुझानों पर नजर डालें तो NDA के पास 293 सीटें हैं वहीं, इंडिया गठबंधन के पास 232 सीटें है। इसके साथ ही अन्य के खाते में 18 सीटें हैं। अभी रुझान पूरी तरह से परिणाम में नहीं बदले हैं। लेकिन कुछ हाई प्रोफाइल सीटों का फैसला हो गया है। इन्हीं में से एक लोकसभ सीट है आजमगढ़ सीट Azamgarh Lok Sabha Seat।
आजमगढ़ में भाजपा का प्रचंड चुनाव प्रचार और काम
साल 2019 में प्रचंड जीत पाने के बाद देश में भाजपा की तरफ से काफी काम किया गया है। इसके साथ ही आजमगढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान उन सभी कामों को भाजपा आलाकमान से लेकर निरहुआ ने खूब गिनाया। यही वजह थी कि, भाजपा के चुनाव प्रचार में काफी भीड़ देखने को मिली। यहां पर पीएम मोदी सहित सीएम योगी ने खूब रैली की थीं।
आजमगढ़ सीट पर BJP के निरहुआ को मिली हार
इस सीट पर धमेंद्र यादव जीत चुके हैं। सपा के धमेंद्र यादव ने यहां से 1 लाख 61 हजार 35 वोटों से जीते हैं। वहीं, दूसरे नंबर पर बीजेपी के Dinesh Lal Yadav Nirahua निरहुआ रहे हैं। निरहुआ को यहां से 3 लाख 47 हजार 204 वोट मिले हैं। वहीं, तीसरे नंबर पर बसपा के मशहूद सबीहा अंसारी रहे हैं , इन्हें 1 लाख 79 हजार 839 वोट मिले हैं। निरहुआ की हार के बाद इसके कारणों की चर्चा होने लगी है। हम आपको इन्हीं कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं।
निरहुआ की हार के कारण
आजमगढ़ सीट सपा का किला मानी जाती है। लेकिन साल 2022 में अखिलेश यादव ने ये सीट छोड़कर विधानसभा चुनाव लड़ा था। जिसके बाद यहां पर उपचुनाव हुए थे और यहां पर भोजपुरी सिंगर और एक्टर दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने धमेंद्र यादव को हराकर जीते थे। साल 2019 में उन्हें अखिलेश यादव ने मात दी थी। लेकिन साल 2022 में बाजी पलट गई। एक बार फिर से भाजपा ने निरहुआ पर विश्वास जताते हुए आजमगढ़ की सीट से उतारा लेकिन इस बार निरहुआ नहीं जीत सके।
उन्हें सपा के धमेंद्र यादव से करारी मात मिली है। इस सीट पर सपा के धमेंद्र यादव और बसपा के मशहूद सबीहा अंसारी चुनावी रण में थे। भोजपुरी एक्टर की जैसे ही हार हुई वैसे ही उनकी हार को लेकर चर्चा होने लगी और लोग कारणों के बारे में जानने के लिए जुट गए। भोजपुरी एक्टर निरहुआ की हार के कई प्रमुख कारण हैं, जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
समाजवादी पार्टी का गढ़
राजनीति पर नजर रखने वाले लोगों का मानना है कि, आजमगढ़ सीट सपा का गढ़ रही है। 1971 से लगातार यहां से यादव और मुस्लिम प्रत्याशी जीता है। निरहुआ बिहार से आते हैं ऐसे में वो साल 2022 के उपचुनाव में जीत तो गए लेकिन 2024 के चुनावों उन्हें सपा सा करारी हार मिली।
शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली फैक्टर
लोगों का मानना है कि, बसपा के शाह आलम गुड्डू जमाली आजमगढ़ में सपा की जीत और निरहुआ की हार का प्रमुख कारण बने हैं। इस बार वो सपा के साथ हैं। जिसकी वजह से निरहुआ हार गए।शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली राजनीति के पुराने और बड़े खिलाड़ी हैं।
आजमगढ़ सीट की सभी विधानसभा सीटों पर सपा का कब्जा
ऐसा माना जा रहा है कि, निरहुआ की हार का प्रमुख कारण सपा का सभी विधानसभा सीटों पर कब्जा होना भी माना जा रहा है। आजमगढ़ में 5 विधानसभा सीटें आती हैं। इन सभी पर सपा का कब्जा है। ये भी कारण निरहुआ की हार का बना।
काम करने का कम समय
राजनीति पर नजर रखने वालों का मानना है कि, निरहुआ साल 2022 में ही आजगढ़ जीते थे। ऐसे में उनके पास काम करने का बहुत कम समय था। वो जनता में विश्वास नहीं जगा सके। यही कारण उनकी हार का बना है।
जातीय समीकरण
लोगों का मानना है कि, आजमगढ़ सपा का किला रहा है। यहां से मुलायम सिंह यादव से लेकर अखिलेश यादव तक चुनाव लड़ चुके हैं। ऐसे में निरहुआ यादवों को अपनी तरफ नहीं कर सके और ये उनकी हार का कारण बना।
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