Cricket Viral Video: मुथैया मुरलीधरन को भला कौन नहीं जानता है। अपनी गेंदबाजी से बड़े-बड़े बल्लेबाजों को पस्त करने वाले मुरलीधरन का करियर एक समय अपने पतन की ओर था। एक ऐसा वक़्त भी आया था जब दुनिया में गेंदबाजी का डंका बजाने वाले गेंदबाज को शायद आप नहीं जान रहे होते अगर उनके साथी खिलाड़ी अर्जुन राणातुंगा ने उनके करियर को नहीं बचाया होता।
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड और अंपायर ने किया था परेशान
पहले आईसीसी का एक ऐसा नियम था जिसके तहत कोई भी गेंदबाज, गेंदबाजी करते वक़्त अपना हाथ नहीं झुका सकता था । उस वक़्त एक अंपायर हुआ करते थें जिनका नाम डैरेल हेयर था। वह एक ऐसे अंपायर थें जो मुरलीधरन के हर बॉल को नो बॉल करार दे देते थें।इसपर तंग आकर श्रीलंकन टीम के कप्तान अर्जुन राणातुंगा ने मुरलीधरन को दूसरे छोड़ से गेंदबाजी करने को कहा । हालांकि अंपायर डरैल इतने सख्त थें कि उन्होंने बोल दिया कि भले ही वह अंपायरिंग नहीं कर रहे हो पर मुरलीथरन के गेंद को नो बॉल ही करार दिया जाएगा। मैच खत्म होने के बाद हालांकि श्रीलंका के प्लेयर्स ने अंपायर से बात करने की कोशिश की लेकिन उनका फैसला बिल्कुल भी नहीं बदला। आपको बता दें कि मुरलीथरन की गेंदबाजी को आईसीसी ने भी उचित करार दिया था लेकिन ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट बोर्ड और अंपायर ने मिलकर मुरली की करियर को तहस-नहस करने का पूरा काम कर लिया था। 1999 के दौर में एक और अंपायर एमर्सन ने मुरलीधरन के गेंद को फिर से नो बॉल देना शुरू कर दिया। इसपर पास में खड़े कप्तान राणातुंगा अंपायर से जा भिड़े। मामला यहां तक पहुंच गया कि श्रीलंका के कप्तान राणातुंगा ने उस समय इंग्लिश टीम के खिलाड़ियों से हाथ मिलाया ओर अम्पायर से बिना हाथ मिलाये ही मैदान छोड़कर जाने लगें । मैच रेफरी ने इसके बाद ऑस्ट्रेलियन ओर श्रीलंकन बोर्ड से बातचीत की और मुरलीथरन को लेग ब्रेक से बॉल डालने को कहा लेकिन अपने साथी के लिए कुछ कर गुजरने की चाहत रखने वाले इस खिलाड़ी ने मुरलीधरन को अपने मनमर्जी अनुसार बॉल डालने को कहा । विश्व क्रिकेट जगत में राणातुंगा के अपने साथी खिलाड़ी की तरफ इस प्रेम को देखकर हर कोई भाव-विभोर हो गया।
राणातुंगा की कप्तानी में श्रीलंका ने जीता था विश्व कप का खिताब
आपको बता दें कि राणातुंगा की कप्तानी में ही श्रीलंकन टीम ने अपना एकमात्र वर्ल्ड कप 1996 में जीता था। 1996 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में श्रीलंकन टीम ने ऑस्ट्रेलिया को पराजित कर दिया था।
मुरलीधरन रहे हैं रिकॉर्डों के बादशाह
आपको बता दें कि श्रीलंका के इस महान क्रिकेटर के नाम क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट है। मुरलीधरन ने अपने करियर में कुल 1347 विकेट लिए हैं जो एक रिकॉर्ड है। मुरलीधरन ने अपने 800 विकेट सिर्फ टेस्ट क्रिकेट में ही लिए हैं। मुरलीधरन के नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा प्लेयर ऑफ़ द सीरीज का खिताब है। आपको बता दें की मुरलीधरन ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू 28 सितम्बर 2002 को कोलंबो टेस्ट से किया था। कोलंबो टेस्ट में श्रीलंका टीम के सामने ऑस्ट्रेलिया की मजबूत टीम थी।
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